कोरोना वायरस ने सार्स को भी पीछे छोड़ा, चीन में अब तक 811 लोग मरे
चीन में जानलेवा कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 811 हो गई है। इसके साथ ही इस महामारी से मरने वालों की संख्या 2002-03 के सार्स के मृतकों से भी ज्यादा हो गई है। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या भी बढ़कर 37,000 के पार निकल गई है। यह वायरस दुनिया के 25 से ज्यादा देशों में फैल चुका है।
अब तक 37 हजार से ज्यादा संक्रमित
चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के अनुसार चीन में शनिवार को 89 लोगों की इस महामारी से मौत हुई जो एक दिन में मरने वाली की सबसे बड़ी संख्या है। शनिवार को 2656 नए संक्रमित मरीज पाए गए। संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 37,198 हो गई है। यह वायरस चीन के 31 प्रांतों में फैल चुका है।
सार्स से 700 लोग मरे थे
2002-2003 में सार्स (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) से 700 लोगों की मौत हुई थी। यह वायरस दक्षिणी चीन से फैला था। इसके अलावा यह हांगकांग और अन्य क्षेत्रों में फैल गया। इस तरह कोरोना वायरस से मरने वाली संख्या सार्स से भी ज्यादा हो गई है।
पहली बार दो विदेशियों की चीन में मौत
चीन में कोरोना वायरस से शनिवार को मरे 89 लोगों में से 81 हुबेई प्रांत है। यह वायरस सबसे पहले हुबेई प्रांत के वुहान में फैला था। हुबेई के 324 मरीजों सहित कुल 600 मरीज तकलीफ होने पर अस्पताल पहुंचे। कमीशन का कहना है कि शनिवार को पहली बार हुबेई में नए संक्रमित व्यक्ति की संख्या में कमी आई है। शनिवार को चीन में इस वायरस से अमेरिका की एक महिला और जापान के एक आदमी की मौत हो गई। इस बीमारी से पहली बार विदेशी नागरिकों की मौत हुई है।
स्थिरता आना अच्छी खबर- डब्ल्यूएचओ
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के डायरेक्टर जनरल टेरडोस एंधनोम गेब्रियस ने कहा कि चीन में नए संक्रमित लोगों की संख्या स्थिर हुई है। यह अच्छी खबर है। हालांकि उसने आगाह किया कि अभी इसके बारे में कोई भविष्यवाणी करना मुश्किल है कि इस वायरस का सर्वाधिक असर का दौर कब खत्म होगा।
बांग्लादेशियों को निकालने की योजना टली
इस बीच, बांग्लादेश की सरकार ने चीन से अपने 171 नागरिकों को बाहर निकालने की योजना स्थगित कर दी है क्योंकि उन्हें लाने के लिए विमान की व्यवस्था नहीं हो पाई। बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. बे. अब्दुल मोनेन ने कहा कि वुहान से नागरिकों को लाने के लिए फ्लाइट के पायलटों ने उड़ान भरने से इन्कार कर दिया है, इसलिए नागरिकों को वापस लाना संभव नहीं है। ऐसे में उन्हें अभी इंतजार करना होगा।