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09 January 2018

अगस्ता वेस्टलैंड केस में इटली की अदालत ने दो आरोपियों को किया बरी, जानिए पूरा मामला

बहुचर्चित अगस्ता वेस्टलैंड मामले में भारत को तगड़ा झटका लगा है। इटली की एक अपील कोर्ट ने सोमवार को सबूतों के अभाव में लियोनार्डो कंपनी के दो अधिकारियों को भारतीय वायुसेना अधिकारियों को घूस देने के आरोप से बरी कर दिया है। हालांकि सीबीआई का दावा है कि उसके पास इस केस में पर्याप्त सबूत हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, फिनमेकानिका (अब लियोनार्डो) के पूर्व रक्षा और एरोस्पेस प्रेसिडेंट जिप्सी ओरसी और कंपनी के हेलिकॉप्टर विंग अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ स्पैगनोलिनी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।

यह मामला अगस्ता वेस्टलैंड के 12 वीवीआईपी चॉपर की बिक्री से जुड़ा है। यह डील 3600 करोड़ रुपये की थी।

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गौरतलब है कि जिस दौरान हेलिकॉप्टरों की डील हुई उस दौरान ओरसी अगस्ता वेस्टलैंड में कार्यरत थे और उन पर घूस देने में भागीदारी का आरोप था। पहले भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हें साढ़े चार साल की जेल की सजा भी सुनाई गई थी, वहीं इन्हीं आरोपों में स्पैगनोलिनी को चार साल की सजा सुनाई गई थी। दिसंबर 2016 में इटली की सबसे बड़ी अदालत ने मामले की दोबारा सुनवाई के आदेश दिए थे।

क्या है पूरा मामला

यूपीए सरकार ने साल 2010 में 3600 करोड़ रुपये में 12 वीवीआईपी अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा किया था। आरोप है कि इस सौदे को हासिल करने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड ने भारतीय अधिकारियों को 423 करोड़ रुपये की घूस दी थी। इटली की निचली अदालत ने मामले में साल 2016 में आरोपियों को दोषी ठहराया था। मामले में ओरसी को साढ़े चार साल और ब्रूनो को चार साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद इससे पहले इटली की सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ दोबारा से सुनवाई करने का आदेश दिया था। अब इटली की मिलान कोर्ट ने मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।

यूपीए सरकार ने फरवरी 2010 में यूके बेस्ट अगस्ता वेस्टलैंड के साथ 12 हेलिकॉप्टरों की खरीदी के लिए डील साइन की थी। ये हेलिकॉप्टर भारतीय एयरफोर्स के लिए खरीदे जाने थे जिनका इस्तेमाल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी की उड़ान के लिए किया जाना था। ये डील 3600 करोड़ में तय हुई थी।

इस डील में गड़बड़ी को लेकर 2012 में भारत में जांच हुई जिसमें ओरसी और स्पैग्नोलिनी का नाम सामने आया और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

कॉन्ट्रेक्ट की शर्तें पूरी न होने पर और कंपनी के अधिकारियों से घूस लेने के आरोपों के बाद भारत ने जनवरी 2014 में इस कॉन्ट्रैक्ट को खारिज कर दिया। रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। इस मामले में पुर्व वायुसेना प्रमुख समेत कई अधिकारियों का नाम सामने आया था।

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TAGS: Ex-Finmeccanica CEO, acquitted, graft charges, chopper deal, Know the whole case, AugustaWestland
OUTLOOK 09 January, 2018
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