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05 April 2018

फेसबुक ने माना, ‘डेटा लीक से भारत में 5 लाख 62 हजार यूजर हुए प्रभावित’

ANI

सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने स्वीकार किया कि ब्रिटिश राजनीतिक कंसल्टेंसी कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने 8 करोड़ 70 लाख से अधिक फेसबुक उपयोगकर्ताओं के निजी डाटा का गलत इस्तेमाल किया। यह फेसबुक की तरफ से की गई पहली आधिकारिक पुष्टि है। पहले आ रही मीडिया रिपोर्ट्स में माना जा रहा था कि 5 करोड़ लोगों का डाटा लीक हुआ है।

साथ ही फेसबुक ने कहा है कि 5 लाख 62 हजार भारतीय डेटा लीक से प्रभावित हुए हैं। भारत में करीब 20 करोड़ फेसबुक यूजर हैं।

फेसबुक के मुताबिक, लगभग 2,70,000 लोगों ने एक पर्सनैलिटी क्विज को डाउनलोड किया और अपने बारे में और अपने दोस्तों के बारे में जानकारी साझा की। इस जानकारी को उन्होंने शोधकर्ता के साथ शेयर किया जिन्होंने इसे एनालिटिका को भेज दिया। फेसबुक ने माना कि यह काम उसके नियमों के खिलाफ है।

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फेसबुक के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी माइक स्क्रोफर ने कहा, '8 करोड़ 70 लाख लोगों की जानकारियां कैंब्रिज एनालिटिका के साथ गलत तरीके से साझा की गई। इनमें ज्यादातर यूजर्स अमेरिका के हैं।' उन्होंने बताया कि फेसबुक यूजर्स के निजी डेटा पर अधिक नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठा रही है।

एएनआई के मुताबिक, स्क्रोफर ने कहा कि नई प्राइवेसी टूल्स को अगले सोमवार तक फीचर में डाल दिया गया। इसकी घोषणा पिछले महीने की गई थी। साथ ही, फेसबुक ने अलग से बयान जारी कर कहा कि नए सेवा शर्तों से डेटा साझा करने और विज्ञापन किस तरह पहुचंते है, इसके बारे में तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी। इन बदलावों से बाहरी व्यक्ति का यूजर डेटा तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा।

स्क्रोफर ने बताया कि एक बदलाव ऐसा किया गया है, जिससे फेसबुक सर्च के साथ किसी के एकदम सही लोकेशन का पता लगाने के लिए उसका फोन नंबर या ईमेल एड्रेस एंटर नहीं किया जा सकेगा। फेसबुक का कहना है कि वह 9 अप्रैल से अपने न्यूज फीड के जरिए लोगों को बताएगा कि उनका डाटा कैंब्रिज एनालिटिका के साथ शेयर किया गया था या नहीं।

गौरतलब है कि कंपनी डाटा लीक होने का खुलासा होने के बाद से विवादों में है। उस पर आरोप है कि यूजर्स का डाटा शेयर करने के बाद उसे डिलीट नहीं किया गया। अब फेसबुक ने अपनी प्राइवेसी नीतियों में कुछ अपेडट किए हैं। हालांकि मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि यूजर्स के निजी डाटा लीक जैसी मुश्किलों से निपटने में फेसबुक को कुछ साल लग सकते हैं।

उन्होंने कहा कि फेसबुक की एक समस्या यह है कि यह आदर्शवादी है। इसने लोगों को जोड़ने के सकारात्मक पक्ष पर ध्यान केंद्रित किया। इसके गलत टूल पर कम समय खर्च किया। अब हम जांच कर रहे हैं। लोग भी इसके खतरों से वाकिफ हो चुके हैं। जुकरबर्ग ने कहा, वह चाहते हैं कि समस्याएं तीन या छह महीने में सुलझ जाएं। पर कुछ सवालों के जवाब जानने में लंबा वक्त लग सकता है।

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TAGS: Data on 87 mn, Facebook users, shared with Cambridge Analytica
OUTLOOK 05 April, 2018
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