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12 March 2015

भारत मॉरिशस में पांच समझौते

मॉरीशस के प्रधानमंत्री अनिरूद्ध जगनाथ के साथ बातचीत के बाद समझौतों पर हस्ताक्षर के वक्त मोदी ने कहा, मैं मॉरीशस के असैन्य अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के लिए 50 करोड़ डॉलर के रियायती ऋण की पेशकश करके खुश हूं। हमारी मंशा मॉरीशस में जल्द से जल्द पेट्रोलियम भंडारण हेतु गोदाम बनाने की है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि रक्षा क्षेत्र में हमारा सहयोग हमारी सामरिक साझेदारी में नींव का पत्थर है। समुद्री अर्थव्यवस्था में सहयोग का समझौता हमारी वैग्यानिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इसके बदले मॉरीशस ने कर मामले में भारत के साथ सूचनाएं साझा करने की पेशकश की है।

नरेन्द्र मोदी ने कहा, कर संबंधी सूचनाएं साझा करने के मॉरीशस के समर्थन और सहयोग पर मैंने दय से हमारी प्रसन्नता व्यक्त की है। मोदी के साथ बातचीत में मॉरीशस के प्रधानमंत्री जगन्नाथ ने मॉरीशस-भारत दोहरा कराधान वर्जन समझौते से संबंधित मुद्दे उठाए। समझौतों पर हस्ताक्षर करते हुए जगन्नाथ ने कहा, मैंने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया है कि वे डीटीएए को पूरा समर्थन दें, क्योंकि यह वैश्विक व्यापार क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मॉरीशस-भारत दोहरा कराधान वर्जन समझौता ( डीटीएए ) की इस चिंता के तहत समीक्षा की जा रही है कि मॉरीशस का उपयोग भारत का काला धन वापस देश में लाने के लिए किया जा रहा है। हालांकि देश ( मॉरीशस ) ने हमेशा कहा है कि इसके दुरूपयोग के कोई साक्ष्य नहीं हैं।

पारंपरिक रूप से मॉरीशस भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के सबसे बड़े स्रोतों में से एक है। गुरूवार को हुए पांच समझौतों में दोनों देशों के बीच समुद्री अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सहमति पत्र पर हुए हस्ताक्षर भी शामिल है। यह हिन्द महासागर क्षेत्र में सतत विकास हेतु विस्तृत ढांचा प्रदान करेगा। दोनों देशों के बीच हुए अन्य समझौते हैं। मॉरीशस के अगालेगा द्वीप के लिए समुद्री और हवाई यातायात को बढ़ाने संबंधी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर, पारंपरिक औषधि प्रणाली और होम्योपैथी के क्षेत्र में सहयोग के सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर, 2015-18 के बीच सांस्कृतिक सहयोग कार्यक्रम और भारत से ताजा आमों के आयात संबंधी समझौता।

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भारत ने मॉरीशस में दूसरा साइबर शहर स्थापित करने की पेशकश की है। दशकों पहले भारत की मदद से ही यहां पहले साइबर शहर की स्थापना की गई थी। मॉरीशस के प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक को शानदार बताते हुए नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उनकी बातचीत का परिणाम वाकई महत्वपूर्ण है। मोदी ने कहा, अगालेगा द्वीप को विकसित करने संबंधी हमारा समझौता अवसंरचना के क्षेत्र में हमारे सहयोग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, लोगों के आपसी संपर्क हमारे संबंधों की नींव है। हम हमेशा एक-दूसरे के साथ एकजुटता दिखाते हैं और समर्थन में खड़े रहते हैं। हमारे संबंधों और साझा मूल्यों के कारण ऐसा स्वाभाविक रूप से होता है। अपनी रक्षा क्षमता के विकास में भारत को तरजीही सहयोगी बनाने के मॉरीशस के फैसले का मोदी ने स्वागत किया। वह भारत में बने तटवर्ती गश्ती पोत बाराकुडा को कल सेवा में शामिल किए जाने वाले समारोह का हिस्सा बनेंगे। दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपायों पर भी बातचीत हुई। इससे पहले मोदी ने मॉरीशस के राष्ट्रपति राजकेश्वर प्रयाग से भी भेंट की। आगमन पर प्रधानमंत्री जगन्नाथ ने मोदी का स्वागत किया और उनका भव्य सत्कार किया गया।

नए वीजा ऑन अराइवल योजना के तहत भारत मॉरीशस निवासियों के लिए तकनीकी तौर पर वीजा शुल्क समाप्त करने पर तैयार हो गया है। जगन्नाथ ने कहा, दोनों देशों के बीच अगस्त 2006 में हुए तरजीही व्यापार समझौते की समीक्षा करने का हमें अवसर मिला है ताकि दोनों देश एक-दूसरे के बाजार तक पहंच बढ़ा सकें और हम आगे बढ़ने पर राजी हुए हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार ने शुरूआत में हल्की रेल टांजिट प्रणाली के लिए दी जाने वाली 20 करोड़ डॉलर की ऋण राशि को जल और उर्जा क्षेत्र को देने पर सहमति जताई है। मैं इसकी प्रशंसा करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह  मॉरीशस के राष्ट्रपति दिवस समारोह का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।

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TAGS: मॉरीशस, पांच समझौतों पर हस्ताक्षर, नरेन्द्र मोदी, अनिरूद्ध जगनाथ, जगन्नाथ, मॉरीशस-भारत, होम्योपैथी
OUTLOOK 12 March, 2015
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