सीरिया से लेकर पाकिस्तान तक, दुनिया के 22 देश जहां बैन है तीन तलाक
इन दिनों फिर से देश में तीन तलाक पर बहस चरम पर है। दरअसल, एक बार फिर लोकसभा में 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018' पर चर्चा हो सकती है। सरकार इसे गुरुवार को ही लोकसभा से पारित कर अगले सप्ताह राज्यसभा में पेश करना चाहती है। सरकार को उम्मीद है कि यह बिल इस सत्र में राज्यसभा से पास हो जाएगा।
बता दें कि देश के मुसलमान समुदाय के लोग इस मामले में दो हिस्सों में बंटे हुए नजर आते हैं। एक हिस्सा तीन तलाक को बनाए रखना चाहता है क्योंकि उसके हिसाब से ये शरीयत में है। वहीं दूसरा हिस्सा इस तरह से होने वाले तलाक को महिलाओं के प्रति अन्याय मानता है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत से पहले दुनिया के 22 ऐसे देश हैं जहां तीन तलाक पूरी तरह बैन है। इस सूची में पाकिस्तान, बांग्लादेश, सीरिया समेत कई मुस्लिम देश भी हैं।
मिस्र, जिसने तीन तलाक को सबसे पहले बैन किया
मिस्र दुनिया का पहला ऐसा देश है जहां तीन तलाक को पहली बार बैन किया गया था। यहां साल 1929 में तलाक पद्धति में बदलाव किया। कानून-25 के जरिए घोषणा की गई कि तलाक को तीन बार कहने पर भी उसे एक ही माना जाएगा और इसे वापस लिया जा सकता है। लेकिन लगातार तीन तूहरा (जब बीवी का मासिक चक्र न चल रहा हो) के दौरान तलाक कहने से तलाक अंतिम माना जाएगा।
पाकिस्तान में तीन तलाक को खत्म करने लिए हैं खास नियम
पाकिस्तान में तीन तलाक को खत्म करने लिए खास नियम बनाए गए हैं। वहां तीन तलाक लेने के लिए पति को सरकारी संस्था चेयरमैन ऑफ यूनियन काउंसिल के पास नोटिस देता है। इसके 30 दिन बाद काउंसिल उन दोनों के बीच समझौते का प्रयास करती है। इसके बाद 90 दिनों तक इंतजार करते हैं। इस दौरान भी समझौता नहीं हुआ तो तलाक माना जाता है। पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री मोहम्मद अली बोगरा ने 1955 में पहली पत्नी को तलाक दिए बिना अपनी सेक्रेटरी से शादी कर ली थी। इसी घटना के बाद देशभर की महिलाएं उठ खड़ी हुईं और तीन तलाक को बैन कर दिया गया।
बांग्लादेश में भी बैन
बांग्लादेश साल 1971 में पाकिस्तान से अलग हुआ था। पाकिस्तान से अलग होने के बाद भी उसने तीन तलाक पर वही कानून जारी रखा जो पाकिस्तान में लागू है। यानि यहां भी एक बार में तीन तलाक पर बैन है। यहां तलाक से पहले यूनियन काउंसिल के चेयरमैन को शादी खत्म करने से जुड़ा एक नोटिस देना होता है।
ट्यूनिशिया, जज की सलाह बगैर तलाक नहीं
ट्यूनिशिया में बिना जज से सलाह लिए कोई भी पति एकतरफा अपनी पत्नी को तलाक नहीं दे सकता है। यहां पर शादी सीधे राज्य और न्यायपालिका के अंतर्गत आता है। सुलह-समझौते को लेकर अदालत की सलाह को मानना होगा।
श्रीलंका में ये है नियम
श्रीलंका एक मुस्लिम बहुल देश नहीं है लेकिन यहां भी तीन तलाक को लेकर कानून साफ है। यहां यदि कोई मुसलमान अपनी पत्नी को तलाक देना चाहता है तो वह मुस्लिम जज काजी को नोटिस देगा। फिर जज, दोनों परिवारों के सदस्य, बड़े-बुजुर्ग तथा अन्य प्रभावशाली मुसलमान दोनों को समझाने का प्रयास करेंगे। नोटिस के 30 दिन के बाद पति अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है। तलाक मुस्लिम जज और दो गवाहों की उपस्थिति में होगा।
इराक ने 1959 में खत्म किया तीन तलाक
साल 1959 में इराक दुनिया का पहला अरब देश बना था, जिसने शरिया कोर्ट के कानूनों को सरकारी कोर्ट के कानूनों के साथ बदल दिया। इसके साथ ही यहां तीन तलाक खत्म कर दिया गया। इराक के पर्सनल स्टेटस लॉ के मुताबिक 'तीन बार तलाक बोलने को सिर्फ एक ही तलाक माना जाएगा।' 1959 के इराक लॉ ऑफ पर्सनल स्टेटस के तहत पति और पत्नी दोनों को ही अलग-अलग रहने का अधिकार दिया गया है।
इन देशों में भी है तीन तलाक पर पाबंदी
-सूडान ने साल 1935 में कुछ प्रावधानों के साथ इस कानून को अपना लिया। वहां भी एक बार में तीन तलाक नहीं दिया जा सकता।
-अल्जीरिया और मलेशिया के सारावाक प्रांत में शादी का मामला राज्य और न्यायपालिका के अंतर्गत होता है। बिना जज के सलाह के पति एकतरफा तलाक नहीं दे सकता। उसे अदालत को तलाक का साफ कारण बताना होता है।
-इन देशों के अलावा साइप्रस, जॉर्डन, अल्जीरिया, इरान, ब्रुनेई, मोरक्को, कतर और यूएई में भी तीन तलाक पर बैन है।