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08 July 2020

विदेशी स्‍टूडेंट वीजा मामले में ट्रंप प्रशासन के आदेश के खिलाफ अदालत पहुंचे हार्वर्ड और एमआईटी

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एक आदेश जारी कर कहा है कि संस्थानों के ऑनलाइन पढ़ाने के फैसले के बाद विदेशी छात्रों को अमेरिका छोड़कर अपने देश जाना होगा। इस बीच हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) ने इस फैसले को अदालत में चुनौती दी है। इस फैसले पर संघीय अदालत से कहा गया है कि ट्रम्प प्रशासन को अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के उन पाठ्यक्रमों में निर्वासित (डिपोर्ट) करने के आदेश को रोकना चाहिए जो कोरोना वायरस संकट की वजह से ऑनलाइन हो जाएंगे।

विश्वविद्यालयों की ओर से बोस्टन में अमेरिकी जिला कोर्ट में बुधवार को दायर मामले में 6 जुलाई के सरकारी आदेश को दरकिनार करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के आदेश को गैरकानूनी बताया गया है।

एक अस्थायी निरोधक आदेश 14 दिनों के लिए इमिग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन नीति को रोक देगा। विश्वविद्यालयों ने कहा है कि उन्होंने मार्च से डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की नीति पर विश्वास किया है, जिससे अमेरिका में विदेशी छात्रों को रहने और नए छात्रों को यहांआने की इजाजत मिल सके।

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बता दें कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते अमेरिका में रह रहे भारतीय छात्रों को ट्रपं प्रशासन के आदेश से बड़ा झटका लगा है। सोमवार को अमेरिका ने घोषणा की है कि ऐसे छात्रों का वीजा वापस लिया जाएगा जिनकी क्लासेज केवल ऑनलाइन मॉडल पर हो रही है। इमिग्रेशन और कस्टम इनफोर्समेंट डिपार्टमेंट (आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग) की ओर से एक बयान जारी करके कहा गया कि नॉनइमिग्रैंट एफ-1 और एम -1 छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा जिनकी सिर्फ ऑनलाइन क्लासेज चल रही है। विभाग के मुताबिक ऐसे छात्रों को अमेरिका में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी या फिर यदि वह अभी भी अमेरिका में रह रह हैं तो उन्हें अमेरिका छोड़कर अपने देश जाना होगा। उन्होंने कहा कि यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो छात्रों को इसके खराब नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।

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TAGS: अमेरिका, विदेशी स्‍टूडेंट वीजा, ट्रंप प्रशासन, बोस्टन अदालत, हार्वर्ड, एमआईटी
OUTLOOK 08 July, 2020
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