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17 July 2019

कुलभूषण जाधव मामले में आज फैसला सुनाएगा इंटरनेशनल कोर्ट

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाएगा। भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद जाधव तक राजनयिक पहुंच की इजाजत नहीं देने को लेकर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ मई 2017 में आईसीजे का रुख किया था।

दबाव वाले कबूलनामे के आधार पर पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा जाधव को मौत की सजा देने के फैसले को भारत ने आईसीजे में चुनौती दी है। पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में जाधव को मौत की सजा सुनाई थी।

जाधव की सजा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। आईसीजे के एक बयान के अनुसार द हेग के ‘पीस पैलेस’ में 17 जुलाई को भारतीय समय के मुताबिक शाम साढे़ छह बजे सार्वजनिक सुनवाई होगी, जिसमें प्रमुख न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ फैसला पढ़कर सुनाएंगे। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनका देश जाधव मामले में आईसीजे के फैसले का पूर्वानुमान नहीं लगा सकता। हालांकि उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आईसीजे में इस मामले में अपना पक्ष जोरदार तरीके से रखा है। भारत ने जाधव तक राजनयिक पहुंच की स्‍वीकृ‌‌‌ति देने से बार-बार इनकार करके पाकिस्तान द्वारा वियना संधि के प्रावधानों का खुलेआम उल्लंघन ‌किए जाने के लिए 8 मई 2017 को आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था।

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आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 को पाकिस्तान को जाधव की मौत की सजा पर अमल से रोक दिया था। आईसीजे में सुनवाई के दौरान भारत और पाकिस्तान दोनों ने अपना-अपना पक्ष रखा था और जवाब दे चुके हैं।

भारत ने रिहाई का आदेश देने का अनुरोध किया है

अंतरराष्ट्रीय अदालत ने फरवरी में चार दिन की सुनवाई की थी जिसमें भारत और पाकिस्तान दोनों ने अपनी अपनी दलीलें रखी थीं। भारत ने आईसीजे से जाधव की मौत की सज़ा को रद्द करने तथा उनकी तुरंत रिहाई का आदेश देने का अनुरोध किया है और कहा है कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत का फैसला ‘हास्यास्प‍द मामले’पर आधारित है और वाजिब प्रक्रिया के न्यूनतम मानकों तक को संतुष्ट नहीं कर पाता है। भारत ने कहा कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां उनके कारोबारी हित हैं।

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TAGS: ICJ, deliver verdict, Kulbhushan Jadhav case
OUTLOOK 17 July, 2019
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