इजरायल-फिलिस्तीन के बीच बढ़ते तनाव पर भारत ने तोड़ी चुप्पी, कहा-हिंसा में तत्काल कमी लाने की आवश्यकता
इजराइल और गाजा के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत ने रविवार को दोनों पक्षों से अत्यधिक संयम बरतने और यथास्थिति में एकतरफा बदलाव के प्रयास से बचने की अपील की। साथ ही तनाव को तुरन्त कम किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रविवार को मध्य पूर्व में जारी हालात पर खुली बैठक की। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इजराइल और गाजा के बीच तनाव को ''बेहद गंभीर'' करार दिया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि पिछले हफ्ते पूर्वी यरुशलम में शुरू हुई हिंसा के नियंत्रण से बाहर जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कहा, '' पिछले कुछ दिनों में हुए घटनाक्रम से सुरक्षा परिस्थितियों के हालात तेजी से बिगड़े हैं।'' तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत इजराइल और फलस्तीन के बीच वार्ता बहाल करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के हरसंभव कोशिश का समर्थन करता है।
उन्होंने कहा, "भारत ग़ज़ा पट्टी से होने वाले रॉकेट हमलों की निंदा करता है, साथ ही इसराइली बदले की कार्रवाई में भी बहुत बड़ी संख्या में आम नागरिक मारे गए हैं जिनमें औरतें और बच्चे भी शामिल हैं जो बहुत दुखद है."
तिरुमूर्ति ने इजराइल में एक भारतीय नागरिक की मौत पर शोक जताया और जोर दिया कि ''हिंसा में तत्काल कमी लाना समय की आवश्यकता है'' और ''दोनों पक्षों को जमीन पर यथास्थिति में बदलाव से बचना चाहिए।''
अधिकारियों के अनुसार, गाजा से फलस्तीनी चरमपंथियों की ओर से किए गए रॉकेट हमले में इजराइल में 30 वर्षीय भारतीय महिला सौम्या संतोष की मौत हो गई। केरल के इदुक्की जिले की रहने वाली संतोष दक्षिण इजराइल के तटीय शहर एशकेलोन में एक बुजुर्ग महिला की देखभाल का काम करती थी। भारत में इजराइल के राजदूत रोन माल्का ने भारतीय महिला की मौत पर ट्विटर पर शोक व्यक्त किया।
दोनों पक्षों की तरफ से जारी हमलों में अब तक 53 फलस्तीनी और छह इजराइली नागरिक मारे गए हैं।
मंगलवार को भारत ने हरम अल शरीफ/ माउंट मंदिर में झड़पों एवं हिंसा तथा शेख जर्राह और सिलवान क्षेत्र में हो रहे निष्कासनों पर भी चिंता जतायी थी। तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया था, “भारत हरम अल शरीफ/ माउंट मंदिर में झड़पों एवं हिंसा पर बेहद चिंतित” है तथा “शेख जर्राह और सिलवान क्षेत्र में हो रहे निष्कासनों पर भी उतना ही चिंतित हैं।”
उन्होंने कहा था कि भारत दोनों पक्षों का आह्वान करता है कि वह जमीन पर यथास्थिति को बदलने से बचें। साथ ही कहा कि पुराने शहर में अल जवीया अल हिंदिया- भारतीय आश्रम भी है।
भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2334 का पालन करने की भी अपील की जो कहता है कि, ‘‘पूर्वी यरूशलम समेत फलस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्र में इजराइल द्वारा 1967 से अन्य बस्तियों की स्थापना की कोई कानूनी वैधता नहीं है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत घोर उल्लंघन है तथा दो राष्ट्र के समाधान को हासिल करने एवं स्थायी शांति में बड़ी बाधा है।” तिरुमूर्ति ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रत्यक्ष शांति वार्ताओं को तत्काल फिर से शुरू करने और दो राष्ट्र समाधान को लेकर प्रतिबद्धता जताने की जरूरत है।