आज से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक, पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश में भारत
सोमवार यानी आज से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) का 42वां सत्र शुरू हो रहा है। इस दौरान भारत के लिए सबसे जरूरी यही होगा कि पाकिस्तान कश्मीर के मामले को लेकर यहां कोई चाल ना चले। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि पाकिस्तान इस बैठक में कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटाए जाने का मुद्दा उठा सकता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इसके संकेत दिए हैं। इसे देखते हुए भारत ने भी पूरी तैयारी की है ताकि पाकिस्तान को इस मुद्दे पर किसी देश का समर्थन न मिल सके। बता दें कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी 9 से 12 सितंबर तक इस सत्र में भारत के खिलाफ पाकिस्तान का नेतृत्व करेंगे। यह सत्र जेनेवा में 9 से 27 सितंबर तक चलेगा।
इनके साथ लगातार कूटनीतिक संपर्क में है भारत
भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र महासभा, संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद्, यूरोपियन संसद और अमेरिकी कांग्रेस के साथ लगातार कूटनीतिक संपर्क में है ताकि अनुच्छेद-370 हटाए जाने के मुद्दे पर पाकिस्तान के पक्ष में किसी देश का समर्थन न जाए। कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के खिलाफ मोर्चाबंदी का अभियान छेड़ रखा है।
यूएनएचआरसी की बैठक में 19 सितंबर से पहले पाक को कश्मीर मुद्दे पर लाना होगा प्रस्ताव
अनुच्छेद-370 के मुद्दे पर पाकिस्तान अगर कोई प्रस्ताव लाना चाहता है तो उसे यूएनएचआरसी की बैठक में 19 सितंबर से पहले लाना होगा. उसकी कोशिश अन्य देशों के साथ मोर्चेबंदी पर निर्भर करेगी कि इसमें वह कितना सफल हो पाता है. हालांकि इसमें कामयाबी की गुंजाइश बहुत कम है क्योंकि लगभग सभी देशों ने उसे नकार दिया है और अनुच्छेद 370 के मुद्दे को भारत का आंतरिक मसला बताया है।
विदेश मंत्री की बड़ी तैयारी
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। अलग-अलग देशों के विदेश मंत्रियों से उनकी लगातार बात चल रही है ताकि पाकिस्तान को किसी भी प्रकार के समर्थन से वंचित रखा जा सके। सोमवार को वे सिंगापुर रवाना हो रहे हैं। उनके साथ एक शिष्टमंडल भी रहेगा. जयशंकर यहां भारत-सिंगापुर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
यूएनएचआरसी की बैठ में भारत का नेतृत्व
यूएनएचआरसी, जेनेवा में भारत का नेतृत्व सचिव (पूर्व) विजय ठाकुर सिंह के साथ-साथ अन्य अधिकारियों के अलावा पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया करेंगे। राजनयिकों के अनुसार, पाकिस्तान पहले इस स्थिति का आकलन करेगा, इसके बाद यूएनएचआरसी में तत्काल बहस या प्रस्ताव के लिए कहेगा। यदि पाकिस्तान यूएनएचआरसी अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर तत्काल बहस की बात करता है, तो भी वो अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाएगा।
भारत ने 5 अगस्त को खत्म कर दिया था जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा
भारत ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था। जिसके बाद से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की स्थिति बताने के लिए चीन, इंडोनेशिया, मालदीव, बेल्जियम, पोलैंड, रूस और हंगरी का दौरा किया है। उन्होंने पाकिस्तान की साजिश को नाकाम करने के लिए हिंद महासागर रिम देशों और दक्षिण अफ्रीका, फिजी, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस सहित अन्य से फोन पर बातचीत की। वह वर्तमान में सिंगापुर में फोन पर काम कर रहे हैं क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएनएचआरसी के सदस्यों को समझाने का काम सौंपा है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है।