भारत 2022 में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, पीएम मोदी ने किया ऐलान
भारत 2022 में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की। उस साल देश की आजादी के 75 साल भी पूरे हो रहे हैं। जी-20 विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है।
समाचार एजेंसी पीआई के मुताबिक, मोदी ने यहां अर्जेंटीना की राजधानी में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह में यह घोषणा की। वर्ष 2022 में जी 20 सम्मेलन की मेजबानी इटली को करनी थी। मोदी ने भारत को इसकी मेजबानी मिलने के बाद इसके लिए इटली का शुक्रिया अदा किया। साथ ही, उन्होंने जी-20 समूह के नेताओं को 2022 में भारत आने का न्यौता दिया।
वर्ष 2022 में भारत की आजादी के 75 साल भी पूरे हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने घोषणा के बाद ट्वीट किया, ‘‘वर्ष 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं। उस विशेष वर्ष में, भारत जी-20 शिखर सम्मेलन में विश्व का स्वागत करने की आशा करता है। विश्व की सबसे तेजी से उभरती सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में आइए। भारत के समृद्ध इतिहास और विविधता को जानिए और भारत के गर्मजोशी भरे आतिथ्य का अनुभव लीजिए।’’
क्या है जी-20?
बता दें, आर्थिक और कूटनीतिक मामलों के लिए जी-20 काफी अहम संस्था है। यह विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स का एक संगठन है, जिसमें भारत, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली समेत 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
जी-20 में मोदी ने की कई देशों के राष्ट्रध्यक्षों से मुलाकात
पीएम मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका, जापान सहित कई देशों के राष्ट्रध्यक्षों से मुलाकात की। अमेरिका और जापान से बैठक के बाद पीएम मोदी ने एक नया नारा भी दिया। मोदी ने जय (J A I- जापान, अमेरिका, इंडिया ) का नारा दिया। उनके मुताबिक जय का मतलब है सफलता। मौका था जापान-अमेरिका और भारत की पहली बार हुई त्रिपक्षीय मुलाकात का। प्रधानमंत्री मोदी ने इस त्रिपक्षीय बैठक को लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित तो बताया ही, साथ ही कहा कि अगर तीनों देश मिलकर आगे बढ़ें तो जय सुनिश्चित है।
वहीं जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों ने रिश्ते मजबूत करने पर चर्चा की। शी जिनपिंग ने कहा कि वुहान शिखर वार्ता के बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में स्पष्ट सुधार हुआ है और दोनों ही पक्ष आशान्वित हैं कि 2019 और भी बेहतर साल रहेगा। दोनों देशों के नेताओं ने इस साल चौथी बार मुलाकात की।