इंडोनेशियाई विमान पूरी तरह नष्ट, कोई नहीं बचा
खोज एवं बचाव दल त्रिगना एयर के विमान के मलबे तक आज पहुंच पाया। एक दिन पहले यह दल पहाड़ी इलाका होने और खराब मौसम की वजह से खोज अभियान रोकने के लिए बाध्य हो गया था।
खोज एवं बचाव प्रमुख बैमबैंग सोएलिस्तियो ने पापुआ प्रांत में स्थानीय समयानुसार 9.30 बजे सुबह बचाव दलों के घटना स्थल पर पहुंचने के बाद बताया कि विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद पूरी तरह नष्ट हो गया। उन्होंने कहा सब कुछ टुकड़ों में था और विमान के कुछ हिस्से में आग लग गई थी। कुछ जला हुआ हिस्सा हम देख सकते थे। इंडोनेशिया में यह नवीनतम हवाई दुर्घटना है। देश में विमानन सुरक्षा रिकॉर्ड बेहतर नहीं रहा है और दिसंबर में एयर एशिया के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से 162 लोगों की मौत सहित हालिया महीनों में यहां बड़े विमान हादसे हुए हैं। घटनास्थल की तस्वीरों में घने जंगल में आग से काला हुआ मलबा साफ नजर आ रहा है। विमान में 49 यात्री और चालक दल के पांच सदस्य थे। अधिकारियों ने बताया कि मलबे में सभी शव मिल गए। कुछ शव बुरी तरह जले हुए हैं। इस विमान ने रविवार को पापुआ प्रांत की राजधानी जयापुरा से उड़ान भरी थी और इसे 45 मिनट बाद पहाड़ों में स्थित दूरस्थ इलाके ओकसिबिल तक पहुंचना था।
परिवहन मंत्रालय ने बताया कि विमान का ब्लैक बॉक्स भी मिल गया है जिसमें फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर है। ब्लैक बॉक्स से दुर्घटना के कारण का पता चल सकेगा। अधिकारियों का मानना है कि विमान खराब मौसम की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुआ। खोज एवं बचाव एजेंसी ने बताया कि मौसम खराब होने की वजह से प्राधिकारी शवों को घटना स्थल से हेलीकॉप्टर की मदद से उठाने की योजना बना रहे हैं। त्रिगना एयर के अभियान सेवा निदेशक कैप्टन बेनी सुमरयान्तो ने बताया मौसम ही चुनौती है जो बहुत तेजी से बदलता है। फिलहाल बहुत ठंडा मौसम है। अधिकारियों ने बताया कि विमान से ले जाए जा रहे 6.5 अरब रूपिया (4,70,000 डॉलर) के बारे में अब तक कोई खबर नहीं है। यह नगद राशि सामाजिक सहायता कोष के तौर पर गरीब परिवारों को वितरित करने के लिए ले जाई जा रही थी। परिवहन मंत्रालय ने बताया कि सेना, पुलिस और खोज एवं बचाव एजेंसी के कर्मियों सहित करीब 100 बचावकर्ताओं का एक दल दुर्घटनास्थल में है। सोमवार को घने कोहरे और बारिश की वजह से 250 से अधिक बचाव कर्मी और 11 विमान मलबे तक नहीं पहुंच सके।