आईएस की यौन दासता से मुक्त हुई युवती को संयुक्त राष्ट्र ने सद्भावना दूत बनाया
नोबेल शांति पुरस्कार की 23 वर्षीय उम्मीदवार, नादिया मुराद बसी ताहा को मानव तस्करी के जाल से बचे लोगों के सम्मान में यूनाइटेड नेशन्स ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (यूएनओडीसी) की सद्भावना दूत नामित किया गया है। इस तरह के अत्याचार की शिकार हुई किसी महिला को पहली बार यह सम्मान प्रदान किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने कल शुक्रवार को एक समारोह में कहा, नादिया यजीदी लोगों अैर हर जगह मानव तस्करी का शिकार हुए लोगों को सम्मानजनक जीवन जीने देने के अधिकार की वकालत करती हैं।
संयुक्त राष्ट प्रमुख ने कहा, उन्होंने आईएसआईएस के चंगुल में उस दुर्व्यवहार और मानवाधिकारों के उल्लंघन को बर्दाश्त किया है जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता। नादिया ने अपनी दास्तान को बयां करने का असाधारण साहस दिखाया है। उन्होंने तस्करी के शिकार हुए लोगों को आवाज दी है। मुराद ने पिछले वर्ष दिसंबर में मानव तस्करी को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पहले सत्र को संबोधित किया था। नादिया ने जब अपनी आपबीती सुनाई तो वहां मौजूद ज्यादातर लोगों की आंखों में आंसू आ गए थे।