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29 November 2016

नोटबंदी ने कीथ वाज को भी चिंता में डाला

भारत में 500 और 1000 के नोटों का चलन बंद होने से कई अप्रवासियों को को भी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। पुराने नोटों लेकर ब्रिटेन आ गए प्रवासी भारतीयों एवं ब्रिटिश भारतीयों को 30 दिसंबर की समय सीमा तक उन्हें बदलवाने के लिए भारत जाना होगा। यह व्यावहारिक दृष्टि से पेचीदा होगा। इसी पर चिंता जताते हुए कीथ वाज ने नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। वाज ने लिखा,  भारत सरकार को इस ठोस और साहसपूर्ण नीति को लेकर सराहा जाना चाहिए। मैं समझता हूं कि उसने ये कदम क्यों उठाए हैं। लेकिन इन नोटों को वापस लेने से प्रवासी भारतीय अनजाने में ही चिंता और मुश्किल में पड़ गए है जिन्हें भय सता रहा है कि वे दिसंबर की समयसीमा तक अपने नोट बदलवा नहीं पाएंगे।

वरिष्ठ लेबर पार्टी सांसद ने कहा, मैंने प्रवासी भारतीय समुदाय की चिंताओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीनसूत्री योजना के बारे में लिखा है। पहली प्राथमिकता समयसीमा का सन 2017 के ग्रीष्मावकाश के बाद तक विस्तार करना है। उन्होंने लिखा है,  ब्रिटिश भारतीयों के लिए ब्रिटिश बैंकों में नोट बदलवाना व्यावहारिक एवं लाभकारी भी होगा और जब तक इस मुद्दे का समाधान न हो तब तक मैंने लंदन में उच्चायोग में प्रवासी भारतीयों के लिए एक विशेष दूत नियुक्त करने को कहा है। मोदी को यह पत्र 23 नवंबर को भेजा गया। उससे पहले वाज ने इस मुद्दे पर भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त दिनेश पटनायक से भेंट की भी थी।

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TAGS: keith vaz, demonetisation, narendra modi, कीथ वाज, विमुद्रीकरण, नरेंद्र मोदी
OUTLOOK 29 November, 2016
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