मलेशिया छोड़कर मालदीव आना चाहता था जाकिर नाइक, नहीं दी इजाजत: मोहम्मद नशीद
अपने उपदेशों से दूसरे धर्मो के प्रति नफरत फैलाने वाला विवादास्पद इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक मलेशिया छोड़कर मालदीव आना चाहता था। लेकिन मालदीव ने उसे अपने यहां आने की इजाजत नहीं दी। भारत की यात्रा पर आए मालदीव के स्पीकर मोहम्मद नशीद ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आए पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने कहा, 'वह (जाकिर नाइक) ने मालदीव आने की कोशिश की थी, लेकिन हमने उसे अनुमति नहीं दी।' यह पूछे जाने पर कि क्या नाइक के प्रत्यर्पण को लेकर मलेशिया और मालदीव के बीच कोई बातचीत हुई थी, नशीद ने कहा कि हाल ही में उसे मालदीव आने की अनुमति नहीं दी गई थी, तो दोनों देशों (मलेशिया और मालदीव) के बीच चर्चा तो हुई ही थी।
जाकिर नाइक के खिलाफ मनी लांड्रिंग समेत दर्ज हैं कई मामले
भारत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी को 53 वर्षीय नाइक की तलाश है। उसके खिलाफ मनी लांड्रिंग और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत भी मामले दर्ज हैं। वह 2016 में भारत से फरार हुआ था और उसके बाद से मलेशिया में शरण लिए हुए है। भारत उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में है।
नागरिकता संशोधन विधेयक भारत का आतंरिक मामला- नशीद
पूर्व राष्ट्रपति और स्पीकर नशीद ने संसद से पारित नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को भारत का आतंरिक मामला करार दिया। उन्होंने भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में गहरी आस्था जताते हुए कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो हमेशा से दूसरे देशों में उत्पीडि़त होने वाले अल्पसंख्यकों की मदद करता रहा है। नशीद ने भी पीएम मोदी से अलग से मुलाकात की।
पिछले तीन साल से मलेशिया में है नाइक
जाकिर के खिलाफ भारत में मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। इसके अलावा ढाका अटैक के संबंध में भी उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उसने मलेशिया में पिछले तीन सालों से शरण ले रखी। भारत ने उसके प्रत्यर्पण की औपचारिक अपील की है लेकिन मलेशिया ने यह अपील ठुकरा दी है।