डाटा लीक मामले में जुकरबर्ग बोले- भारतीय चुनावों में दखल नहीं करने के लिए FB प्रतिबद्ध
फेसबुक डाटा लीक मामले ने अमेरिका से लेकर भारत की राजनीति में खलबली मचा दी है। इस बीच अब फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में अपनी गलती मानते हुए फेसबुक पर पोस्ट लिखा है। उन्होंने माना है कि फेसबुक लोगों की निजी जानकारियों को सुरक्षित नहीं रख पाया। हालांकि उन्होंने आगे ऐसा ना होने की उम्मीद जताते हुए फेसबुक में कई बड़े बदलाव करने की बात भी कही है। साथ ही उन्होंने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में भरोसा दिया है कि अब उनकी कंपनी भारत समेत दुनिया में कहीं भी होने वाले चुनावों में डाटा से जुड़ी ईमानदारी को बनाए रखने को पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
जुकरबर्ग ने पोस्ट किया कि लोगों के डाटा को सुरक्षित रखना उनकी जिम्मेदारी है, यदि वे इसमें नाकाम होते हैं तो ये उनकी गलती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इसको लेकर पहले भी कई कदम उठाए थे, हालांकि हमसे कई चूक भी हुईं लेकिन उनको लेकर काम किया जा रहा है। उन्होंने आगे लिखा कि वे अपनी गलतियों से सीखने का प्रयास करते रहेंगे, वे एक बार फिर सबका भरोसा जीतेंगे।
जुकरबर्ग के फेसबुक पोस्ट के मुताबिक, 2013 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता एलेक्जेंडर कोगन ने एक पर्सनल क्विज एप बनाया। जिसे लगभग 3 लाख लोगों ने इंस्टाल किया, इसमें कुछ निजी डेटा का भी इस्तेमाल किया गया। उन्होंने लिखा कि इससे ना केवल उन तीन लाख लोगों का डाटा साझा हुआ बल्कि उनके कई दोस्तों का भी हुआ।
जुकरबर्ग के मुताबिक, 2014 में फेसबुक ने एप्स और डाटा शेयरिंग के तरीकों को बदलाव लाया। जिसके बाद यदि कोई एप किसी यूजर का डाटा मांगती है, तो उसे पहले उपयोगकर्ता से पूछना पड़ेगा।
जुकरबर्ग ने जानकारी दी कि 2015 में एक अखबार की रिपोर्ट से पता लगा कि कोगन ने ये डाटा कैंब्रिज एनालिटका कंपनी के साथ साझा किया ह।. जो कि नियमों के विपरीत था। जिसके बाद फेसहुक ने फौरन कोगन की एप्लिकेशन को फेसबुक से बैन कर दिया। उन्होंने कोगन और कैंब्रिज एनालिटका से सभी उपयोगकर्ताओं का डेटा डिलीट करने को कहा और इसका सर्टिफिकेट देने को भी कहा। जुकरबर्ग ने आगे लिखा कि पिछले सप्ताह उन्हें पता लगा कि कंपनी ने उस डाटा को डिलीट नहीं किया है।
जुकरबर्ग ने ऐसी डाटा चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही है। उन्होंने लिखा कि फेसबुक अब उनके साथ जुड़ी हुई सभी एप्लिकेशन की जांच करेगा और जो भी डेवलपर ऑडिट करवाने की बात नहीं मानेगा उसे बैन किया जाएगा।
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में राजनीतिक सलाहकार फर्म ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ पर फेसबुक यूजर्स के निजी जानकारी चुराने के आरोप लगे हैं। कथित तौर पर कंपनी ने अपने क्लाइंट के फायदे के लिए निजी जानकारियों का दुरूपयोग किया है। अब इस चुनाव की आंच भारत तक भी पहुंच चुकी है।