आसियान सम्मेलनः मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने को कहा
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में अपनी शुरुआती टिप्पणी में मोदी ने कहा, आतंकवाद एक बड़ी वैश्विक चुनौती बनकर उभरा है जो हम सभी को प्रभावित कर रहा है। हमारा आसियान के सदस्यों के साथ शानदार द्विपक्षीय सहयोग है। और हमें यह देखना चाहिए कि हम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संधि को मंजूर करने की दिशा में सहयोग प्रदान करने समेत क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना सहयोग किस तरह बढ़ा सकते हैं।
आसियान शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने यहां आए तीन दिवसीय यात्रा के दौरान आज मोदी ने कहा, तेजी से बदलता हमारा क्षेत्र अनिश्चय के समय से निकलकर एक शांतिपूर्ण और खुशहाल भविष्य की ओर जा रहा है। हम अपने क्षेत्र को एक शक्ल के रूप में परिभाषित करने के लिए आसियान के नेतृत्व की ओर देख रहे हैं। दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों के संदर्भ में मोदी ने कहा, भारत 1982 के संयुक्त राष्ट्र संधि पर समुद्री कानून समेत सभी स्वीकार्य अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप आसियान के साथ नौवहन, उड़ान भरने, निर्बाध वाणिज्य की स्वतंत्रता को प्रतिबद्ध है। क्षेत्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से ही सुलझाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि दक्षिण चीन सागर के विवाद से जुड़े सभी पक्ष दक्षिण चीन सागर में पक्षों के आचार व्यवहार संबंधी घोषणा को लागू करने के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे और सर्वानुमति के आधार पर जल्द से जल्द एक आचार संहिता को अपनाने के प्रयासों को दोगुणा करेंगे।
कनेक्टिीविटी को खुशहाली का साझा रास्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत-म्यामां-थाईलैंड त्रिपक्षीय हाईवे परियोजना की अच्छी प्रगति हो रही है और इसे 2018 तक पूरा हो जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि भारत शीघ्र ही सभी आसियान देशों को इलेक्ट्रॉनिक वीजा की सुविधा प्रदान करेगा।
विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष को भारत-आसियान सहयोग और आर्थिक साझेदारी का प्रमुख स्तंभ बताते हुए उन्होंने कहा, हम आसियान-भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास कोष को वर्तमान 10 लाख डॉलर से बढ़ाकर 50 लाख डॉलर करेंगे। आसियान में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यामां, फिलिपीन, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।
आसियान का भारत छठा सबसे बड़ा आर्थिक साझेदार है। भारत और आसियान के बीच 2014-15 में 76.52 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। आसियान देशों को भारत का निर्यात 31.81 अरब डॉलर और इस समूह से आयात 44.71 अरब डॉलर का हुआ। आसियान अर्थव्यवथा के गतिशीलता और उर्जा के साथ आगे बढ़ने को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा, मुझे कोई संदेह नहीं कि हम अपने 1.9 अरब लोगों की खुशहाली को पुन: बहाल करेंगे।
उन्होंने कहा, मुझे इस बात की खुशी है कि अस्थायी गिरावट के बाद हमारा व्यापार 2014-15 में 76.5 अरब डॉलर तक बढ़ गया है और दोनों दिशाओं में निवेश भी बढ़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर पहुंचने के साथ भारत विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा, हमारी मुद्रास्फीति घटी है और हमारा राजकोषीय घाटा भी कम हुआ है। हमारे व्यापार एवं अंतरराष्ट्रीय विश्वास में जबर्दस्त वृद्धि आई है। भारत में बदलाव का पैमाना बहुत ही विशाल है और साथ ही इसके आर्थिक अवसरों का आकार भी बहुत विशाल है।