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12 November 2025

मेरी बांग्लादेश वापसी सहभागितापूर्ण लोकतंत्र, अवामी लीग से प्रतिबंध हटाने पर निर्भर: शेख हसीना

बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि उनकी घर वापसी ‘‘सहभागितापूर्ण लोकतंत्र’’ की बहाली, अवामी लीग से प्रतिबंध हटने और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी चुनाव कराने पर निर्भर करती है।

भारत में एक अज्ञात स्थान से ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक विशेष ईमेल साक्षात्कार में, हसीना ने अनिर्वाचित यूनुसप्रशासन पर ‘‘भारत के साथ संबंधों को खतरे में डालने और चरमपंथी ताकतों को सशक्त बनाने’’ का भी आरोप लगाया।

अपनी विदेश नीति की तुलना बांग्लादेश की वर्तमान अंतरिम सरकार से करते हुए, उन्होंने कहा कि ढाका और नई दिल्ली के बीच ‘‘व्यापक और गहरे’’ संबंधों को यूनुस के कार्यकाल की मूर्खतापूर्ण गतिविधियों का सामना करने में सक्षम होना चाहिए।

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हसीना ने उन्हें शरण देने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि वह ‘‘भारत सरकार और देश के लोगों के उदारतापूर्ण आतिथ्य के लिए उनकी अत्यंत आभारी हैं’’। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘बांग्लादेश लौटने के लिए मेरी सबसे महत्वपूर्ण शर्त वही है जो बांग्लादेशी जनता चाहती है: सहभागितापूर्ण लोकतंत्र की वापसी। अंतरिम प्रशासन को अवामी लीग पर से प्रतिबंध हटाना होगा और स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा समावेशी चुनाव कराने होंगे।’’

बांग्लादेश की सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहीं हसीना ने कई हफ्तों तक चले हिंसक सरकार-विरोधी प्रदर्शनों के बाद 5 अगस्त, 2024 को देश छोड़ दिया था। बड़े पैमाने पर हुए इस आंदोलन के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और अंततः भारत आना पड़ा, जिससे यूनुस के नेतृत्व वाले अंतरिम प्रशासन का मार्ग प्रशस्त हुआ।

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार ने विरोध प्रदर्शनों को ठीक से नहीं संभाला, 78 वर्षीय नेता ने कहा, ‘‘जाहिर है, स्थिति पर हमारा नियंत्रण नहीं था और यह खेदजनक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन भयानक घटनाओं से कई सबक सीखे जा सकते हैं, लेकिन मेरे विचार से, कुछ जिम्मेदारी उन तथाकथित छात्र नेताओं की भी है जिन्होंने भीड़ को उकसाया।’’

हसीना ने उन खबरों को भी खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि उन्होंने अगले साल फरवरी में होने वाले चुनावों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अवामी लीग को शामिल किए बिना कोई भी चुनाव वैध नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘लाखों लोग हमारा समर्थन करते हैं…यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा अवसर गंवाने की तरह होगा, जिसे जनता की सच्ची सहमति से शासन करने वाली सरकार की सख्त जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि यह मूर्खतापूर्ण प्रतिबंध हटा लिया जाएगा…चाहे सरकार में हो या विपक्ष में, अवामी लीग को बांग्लादेश में राजनीतिक संवाद का हिस्सा होना चाहिए।’’

हसीना ने कहा कि भारत का ‘‘हमेशा बांग्लादेश से सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संबंध’’ रहा है। उन्होंने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर ‘‘मूर्खतापूर्ण और आत्म-पराजय वाली’’ कूटनीतिक गलतियां करके नई दिल्ली के साथ संबंधों को खतरे में डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘यूनुस की भारत के प्रति शत्रुता मूर्खतापूर्ण और आत्म-पराजय वाली है, जो उन्हें एक कमजोर सम्राट के रूप में दर्शाती है, जो अनिर्वाचित, अराजक और चरमपंथियों के समर्थन पर निर्भर है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मुझे उम्मीद है कि वह शासन छोड़ने से पहले अब और कई सारी कूटनीतिक गलतियां नहीं करेंगे।’’

बांग्लादेश में मौजूदा शत्रुतापूर्ण माहौल से चिंतित भारतीयों को आश्वस्त करने का प्रयास करते हुए हसीना ने कहा, ‘‘अंतरिम सरकार हमारे देशवासियों और महिलाओं की सोच का प्रतिनिधित्व नहीं करती। भारत हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण मित्र है और रहेगा।’’

हसीना ने यह भी कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय निगरानी में, ‘‘यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) में भी’’ मुकदमे का सामना करने को तैयार हैं। लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि यूनुस ऐसी प्रक्रिया से बच रहे हैं क्योंकि एक निष्पक्ष न्यायाधिकरण उन्हें बरी कर देगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यूनुस सरकार को बार-बार चुनौती दी है कि अगर वह अपने मामले को लेकर इतने आश्वस्त हैं, तो वह मुझ पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में मुकदमा चलाएं। यूनुस इस चुनौती से बचते रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि आईसीसी, जो वास्तव में एक निष्पक्ष न्यायाधिकरण है, मुझे निश्चित रूप से बरी कर देगा।’’

हसीना ने अपने खिलाफ कार्यवाही शुरू करने वाले बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण को उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा नियंत्रित ‘‘कंगारू न्यायाधिकरण’’ बताकर खारिज कर दिया, जहां अभियोजक उन्हें मौत की सजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वे मुझे और अवामी लीग, दोनों को राजनीतिक ताकतों के तौर पर बेअसर करने की कोशिश कर रहे हैं। अपने विरोधियों को दबाने के लिए वे मौत की सजा का इस्तेमाल करेंगे, यह दर्शाता है कि लोकतंत्र या उचित प्रक्रिया के प्रति उनका कितना कम सम्मान है।’’

हसीना के अनुसार, यूनुस को ‘‘कम से कम कुछ पश्चिमी उदारवादियों का निष्क्रिय समर्थन’’ प्राप्त है, जिन्होंने गलती से सोचा था कि वह उनमें से एक हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अब जब उन्होंने उन्हें (यूनुस को) अपने मंत्रिमंडल में कट्टरपंथियों को शामिल करते, अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करते और संविधान को ध्वस्त करते देखा है, तो उम्मीद है कि वे अपना समर्थन वापस ले लेंगे।’’

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TAGS: My return to Bangladesh, Participatory democracy, Awami League, Sheikh Hasina
OUTLOOK 12 November, 2025
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