चौधरी शुगर मिल मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ गिरफ्तार
नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को गिरफ्तार कर लिया है। नवाज शरीफ की यह गिरफ्तारी चौधरी शुगर मिल केस में हुई है, जिसके बाद उन्हें लाहौर के एनएबी कोर्ट में पेश किया गया। इससे पहले एनएबी ने नवाज शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। फिलहाल नवाज शरीफ अल-अजीजिया मिल्स करप्शन केस में सात साल की कैद की सजा काट रहे हैं।
एनएबी ने नवाज की बेटी मरियम पर भी आरोप लगाया है। मरियम को उसके चचेरे भाई यूसुफ अब्बास के साथ अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। एनएबी ने कहा कि चीनी मिलों में मरियम के 12 मिलियन से अधिक मूल्य के शेयर हैं।
शरीफ के खिलाफ जारी किया गया था गिरफ्तारी वारंट
नेशनल एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) ने पहले चौधरी शुगर मिल्स मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। एनएबी ने शुक्रवार को नवाज शरीफ को जवाबदेही अदालत के समक्ष पेश की और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि इससे पहले 8 अगस्त को जवाबदेही ब्यूरो ने चौधरी शुगर मिल मामले में उनकी बेटी मरयम नवाज और भतीजे यूसुफ अब्बास को गिरफ्तार किया था। दोनों अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड पर हैं। एनएबी ने मुख्य रूप से मरयम पर चीनी मिलों के शेयरों की बिक्री और खरीद की आड़ में मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाया।
2008 में मिलों की सबसे बड़ी शेयरधारक बन गई थी मरयम नवाज
जवाबदेही प्रहरी ने कहा कि वह (मरयम नवाज) 2008 में मिलों की सबसे बड़ी शेयरधारक बन गई थी, जिनके पास 12 मिलियन से अधिक शेयर थे और उनकी संपत्ति भी उनकी आय से बेमेल थी। जांच के दौरान यह पता चला था कि विदेशियों के लिए शेयर जारी करने के नाम पर 2001 से 2017 तक मिलों में भारी निवेश किया गया था। बाद में कंपनी के एक ही शेयर को अलग-अलग मौकों पर मरयम, हुसैन और नवाज को वापस दे दिया गया था, जबकि उक्त विदेशी व्यापार भागीदारों को कोई पैसा नहीं दिया गया था।
मरयम ने एनएबी की संयुक्त जांच टीम के सामने अपनी उपस्थिति में विदेश से व्यापारिक संबंधों से इनकार कर दिया था। उन्होंने कई लोगों को पहचानने भी नहीं, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। एनएबी के सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि विदेशियों के नाम का इस्तेमाल कंपनी में भारी निवेश करने के लिए किया जाता था क्योंकि शरीफ परिवार के पास निवेश के लिए सफेद (एक नंबर का पैसा) धन नहीं था। इसके अलावा, ब्यूरो भी शाहबाज परिवार के सभी सदस्यों की कथित धन-शोधन और संपत्ति के साधनों से परे संपत्ति की जांच के लिए जांच कर रहा है।