ब्रिक्स सम्मेलन में पहली बार लिया गया जैश-लश्कर जैसे आतंकी संगठनों का नाम
चीन के श्यामन में सोमवार को ब्रिक्स सम्मेलन का आगाज हो चुका है। ब्रिक्स सम्मेलन में शिरकत करने के लिए चीन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। 9वें ब्रिक्स सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं।
#WATCH: Chinese President Xi Jinping welcomed Prime Minister Narendra Modi at the International Conference Center in Xiamen #BRICSSummit pic.twitter.com/LROnlBf2xY
— ANI (@ANI) September 4, 2017
ब्रिक्स समिट में उठा आतंकवाद का मुद्दा
ब्रिक्स समिट में भारत ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। ब्रिक्स श्यामन घोषणापत्र के 48वें पैराग्राफ में आतंकवाद पर कड़ी चिंता व्यक्त की गई है।
चीन में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्रालय की सचिव प्रीति सरन ने इस बात की पुष्टि मीडिया ब्रीफिंग के दौरान की। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में पहली बार चरमपंथी संगठनों के नामों की सूची रखी गई है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर सभी को एकजुट होकर बात करने की जरूरत है। और ये बात अब लोगों को समझ आ रही है।
प्रीति सरन ने कहा कि ब्रिक्स देशों के सदस्य कहीं न कहीं आतंकवाद का शिकार रहे है। अब सभी को मिलकर इसके ख़िलाफ काम करने की जरूरत है। आप इस पर दोहरा रुख नहीं रख सकते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स में आतंकवाद का मुद्दा उठाया। ब्रिक्स के बाकी सदस्य देशों के नेताओं ने भी आतंकवाद की कड़ी निंदा की और इसके खिलाफ ऐक्शन लेने की जरूरत पर जोर दिया।
मीडिया ब्रीफिंग के दौरान सरन ने बताया कि पहली बार ब्रिक्स में हक्कानी नेटवर्क, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तोएबा जैसे चरमपंथी संगठनों के नाम की सूची पहली बार सार्वजनिक की गई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कट्टरता के खिलाफ विश्व के सभी देशों से एकजुट होने की अपील की और यह भी कहा कि भारत कट्टरता के खिलाफ एक ग्लोबल समिट बुलाएगा।
All #BRICS leaders strongly condemned terrorism in all its forms, called for greater efficiency in designation of terrorists: Preeti Saran pic.twitter.com/vwfMfsAeDQ
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Leaders called on states to prevent financing of terrorist networks & terrorist actions from their territories: Preeti Saran #BRICS2017 pic.twitter.com/Z99rwyVL0U
— ANI (@ANI) September 4, 2017
समिट के उद्घाटन के बाद चीनी राष्ट्रपति का बयान
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि ब्रिक्स देशों को ‘ज्वलंत मुद्दों’ के समाधान में कूटनीतिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए। शी ने हाल ही में भारत के साथ डोकलाम में हुए गतिरोध का सीधे उल्लेख नहीं किया, लेकिन कहा कि मुद्दों के हल का आधार ‘शांति और विकास’ होना चाहिए क्योंकि विश्व ‘संघर्ष और टकराव’ नहीं चाहता। उन्होंने कहा, ‘ब्रिक्स देशों को वैश्विक शांति और स्थायित्व बरकरार रखने की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।'
शी जिनपिंग ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय स्थिति में हमारे बीच मतभेदों के बावजूद हम पांचों देश विकास के क्षेत्र में समान स्तर पर हैं। हम सभी देशों के एक ही आवाज में सभी की समस्याओं को लेकर बोलना चाहिए, ताकि विश्व में शांति और विकास आगे बढ़ सके। बैठक के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि मौजूदा समय में दुनिया के हालात को देखते हुए, ब्रिक्स देशों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
इस दौरान चीनी राष्ट्रपति ने ऐलान किया कि वह ब्रिक्स देशों में बिजनेस ऑपरेशन, विकास को बढ़ावा देने के लिए 4 मिलियन यूएस डॉलर की मदद करेंगे। जिनपिंग ने कहा कि दुनिया में जो भी मुद्दे इस समय चल रहे हैं, वह हमारे हिस्सेदारी के बिना निपट नहीं सकते हैं।
PM मोदी बोले एकजुट रहने पर ही शांति और विकास होगा
वहीं, ब्रिक्स बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी देशों में शांति के लिए ब्रिक्स देशों का एकजुट रहना जरूरी है। मोदी ने कहा कि ब्रिक्स देशों को आपसी सहयोग बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के पांचों देश अभी समान स्तर पर हैं। विश्व में शांति के लिए सहयोग जरूरी है, एकजुट रहने पर ही शांति और विकास होगा। मोदी ने यह भी कहा कि हमारे केन्द्रीय बैंकों को अपनी क्षमताओं को और मजबूत करना चाहिए और प्रत्यावर्तनीय रिजर्व व्यवस्था और आईएमएफ के बीच सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
साथ ही, पीएम ने कहा कि हमने अपने देश में काले धन के खिलाफ जंग छेड़ी है। हमारा लक्ष्य स्मार्ट सिटी, स्वास्थ्य, विकास, शिक्षा में सुधार लाना है। ब्रिक्स बैंक ने कर्ज देना शुरू कर दिया है, जिसका सही उपयोग होना चाहिए। मोदी ने कहा कि हमारा देश युवा है यही हमारी ताकत है। हमने गरीबी से लड़ने के लिए सफाई का अभियान छेड़ा है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स की मजबूत पार्टनरशिप से ही विकास होगा।
बता दें कि यह सम्मेलन चीन के श्यामन में हो रहा है। इस दौरान मेजबान राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे पीएम मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकोब जूमा का औपचारिक स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच खासी गर्मजोशी देखने को मिली।
चीन में पीएम मोदी का स्वागत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए रविवार को चीन के श्यामन पहुंच गए थे। यहां पहुंचने पर प्रधानमंत्री का भारतीय समुदाय के लोगों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने यह उम्मीद भी जताई कि इस यात्रा के दौरान ब्रिक्स देशों के बीच साझेदारी को मजबूत बनाने के एजेंडे पर रचनात्मक चर्चा होगी।
China: PM Narendra Modi meets Indian diaspora in Xiamen. pic.twitter.com/qfsErOLkrN
— ANI (@ANI) September 3, 2017
Our Central Banks must further strengthen their capabilities & promote co-operation between the Contingent Reserve Arrangement & the IMF pic.twitter.com/Xvg9ckCBDD
— ANI (@ANI) September 4, 2017
BRICS countries can work closely with ISA to strengthen the solar energy agenda: PM Modi #BRICSSummit pic.twitter.com/z3Za7jLZVB
— ANI (@ANI) September 4, 2017
A strong BRICS partnership and innovation I am sure will be the instrument for progress: PM Modi #BRICSSummit pic.twitter.com/BOYr7jRVWr
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We are in mission-mode to eradicate poverty; to ensure health, sanitation, skills, food security, gender equality, energy, education:PM Modi pic.twitter.com/VK4OpPJ9Pd
— ANI (@ANI) September 4, 2017
NDB has started disbursing loans in pursuit to mobilize sources of infrastructure and sustainable development in BRICS countries: PM Modi pic.twitter.com/hAgP4Wazcl
— ANI (@ANI) September 4, 2017
Cooperation important for peace and development: PM Modi at the BRICS Plenary Session in Xiamen, China #BRICSSummit pic.twitter.com/Gzl05CcLI0
— ANI (@ANI) September 4, 2017
Despite our differences in national conditions, our 5 countries are in similar stage of dvlpmnt and share same development cause: Xi Jinping pic.twitter.com/2pkxxLlc6a
— ANI (@ANI) September 4, 2017
As the world undergoes profound changes, BRICS cooperation has become more important:Chinese President Xi Jinping pic.twitter.com/4DE33GSqAw
— ANI (@ANI) September 4, 2017
क्या है ब्रिक्स?
ब्रिक्स दुनिया की पांच बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों का संगठन है। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इसके सदस्य हैं। दुनिया की करीब 43 फीसदी आबादी इन्हीं पांच देशों में रहती है। ब्रिक्स का आठवां शिखर सम्मेलन गोवा में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता भारत ने की थी। गोवा शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को घेरने की भारत की रणनीति काफी सफल रही थी और आज चीन में भी ये मुद्दा उठाया गया है।