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26 June 2016

गैर-एनपीटी देशों के प्रवेश पर फिर हो सकती है एनएसजी की बैठक

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गैर-एनपीटी देशों को सदस्यता देने की प्रक्रिया पर चर्चा के लिए 48 देशों वाला एनएसजी इस साल के अंत से पहले एक बैठक कर सकता है। इससे भारत को अपनी दावेदारी पर दबाव बनाने का एक और मौका मिल सकेगा। बीते शुक्रवार को दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में संपन्न हुए एनएसजी के पूर्ण अधिवेशन में भारत इस समूह में अपना प्रवेश सुनिश्चित करने में नाकाम रहा था। भारत को चीन एवं कुछ अन्य देशों से काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। भारत के एनपीटी पर दस्तखत नहीं करने को उसके विरोध का एक मजबूत आधार बनाया गया था। राजनयिक सूत्रों ने बताया कि मेक्सिको के सुझाव पर यह फैसला किया गया है कि गैर-एनपीटी देशों के लिए प्रवेश की शर्तों पर विचार के लिए इस साल के अंत से पहले एनएसजी की एक और बैठक आयोजित की जाए। सामान्य स्थिति में एनएसजी की अगली बैठक अगले साल ही किसी महीने में आयोजित की जाती।

 

एनएसजी की अगली बैठक कुछ ही महीनों में होने की खबरें सामने आने के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, हम चीन पर जोर देते रहेंगे कि द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए आपसी हितों, चिंताओं एवं प्राथमिकताओं का ख्याल रखना जरूरी है। स्वरूप का बयान इसलिए अहम है क्योंकि चीनी विदेश मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया है कि एनएसजी में बीजिंग के विरोध का भारत-चीन संबंधों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। चीन ने गैर-एनपीटी देशों की सदस्यता पर एनएसजी की बैठक जल्द आयोजित करने के मेक्सिको के सुझाव पर विरोध दर्ज कराया था, लेकिन अमेरिका सहित कई देशों ने इस सुझाव का समर्थन किया था। एनएसजी ने भारत की सदस्यता पर अनौपचारिक चर्चा के लिए एक समिति भी गठित कर दी है और इसकी अध्यक्षता अर्जेंटीना के राजदूत राफेल ग्रॉसी करेंगे।

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ग्रॉसी की नियुक्ति ऐसे समय में हुई जब एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि सियोल में हुई एनएसजी की बैठक भारत को सदस्य के तौर पर स्वीकार करने के लिए राह बनाने के साथ संपन्न हुई। ओबामा प्रशासन के अधिकारी ने वाशिंगटन में बताया, हमें यकीन है कि इस साल के अंत तक हमें आगे की राह मिलेगी। इसमें कुछ काम करने की जरूरत है। लेकिन हमें यकीन है कि भारत इस साल के अंत तक एनएसजी का पूर्ण सदस्य बन जाएगा।

 

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TAGS: भारत, परमाणु अप्रसार संधि, एनपीटी, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह, एनएसजी, चीन, द्विपक्षीय संबंध, विदेश मंत्रालय, विकास स्वरूप, India, Nuclear non-Proliferation Treaty, NPT, NSG, Membership, China, Bilateral Relations, Ministry of External Affairs, Vikas Swarup
OUTLOOK 26 June, 2016
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