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09 October 2015

शांति का नोबेल ट्यूनिशिया नेशनल डायलॉग क्वार्टेट को

गूगल

ट्यूनिशिया में जैसमिन क्रांति के बाद देश में अचानक से सामाजिक अशांति और राजनीतिक हत्याओं का दौर शुरू हो गया था जिसके कारण देश में लोकतंत्रीकरण की प्रक्रिया खतरे में पड़ गई थी और देश गृह युद्ध के मुहाने पर खड़ा था। ऐसे में 2013 में देश के चार महत्वपूर्ण संगठनों को मिलाकर नेशनल डायलॉग क्वार्टेट का गठन किया गया जिसके प्रयासों से एक ऐसे संविधान सम्मत सरकार की स्‍थापना संभव हुई जो देश की संपूर्ण आबादी को बिना किसी भेदभाव के मौलिक अधिकार मिलना सुनिश्चित करे।

इस क्वार्टेट में जो चार महत्वपूर्ण संगठन शामिल हैं उनमें पहली है मजदूरों की संस्‍था द ट्यूनिशियन जनरल लेबर यूनियन, दूसरी है कारोबारियों की संस्‍था द ट्यूनिशियन कंफेडरेशन ऑफ इंडस्ट्री, ट्रेड एंड हैंडीक्राफ्ट, तीसरी है मानवाधिकार संस्‍था द ट्यूनिशियन ह्यूमन राइट लीग और चौथी वकीलों की संस्‍था द ट्यूनिशियन ऑर्डर ऑफ लॉयर्स। यह चारों संगठन देश के अलग-अलग वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं और कानून, मानवाधिकारों के लिए काम करते हैं। इस आधार पर उच्च नैतिक अधिकार के साथ इन चारों संगठनों ने मिलकर देश में शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया को विकसित करने में मध्यस्‍थ की भूमिका निभाई जिसके कारण इस क्वार्टेट को इस वर्ष शांति का नोबेल देने की घोषणा की गई है। गौरतलब है अरब और अफ्रीकी देशों में हालिया राजनीतिक उठापटक की शुरुआत ट्यूनिशिया में हुई जैसमिन क्रांति से ही हुई है।

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TAGS: ट्यूनिशिया, राष्ट्रीय संवाद चतुष्टक, शांति का नोबेल, जैसमिन क्रांति, लोकतंत्र, Tunisia, national dialogue Quartet, Nobel Peace, Jasmine revolution, democracy
OUTLOOK 09 October, 2015
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