यूनेस्को में कश्मीर मुद्दे पर भारत ने दिया जवाब, कहा- पाकिस्तान के DNA में है आतंकवाद
जम्मू कश्मीर मामले में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान के डीएनए में आतंकवाद गहराई तक घुसा हुआ है। भारत ने कहा कि नकदी की कमी से जूझ रहे राष्ट्र के "विक्षिप्त व्यवहार" का परिणाम है कि यह देश लगभग विफल देश बनने के लिए गिरता चला जा रहा है। भारत ने पेरिस में यूनेस्को के महासम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान में सभी प्रकार का अंधेरा है।
यूनेस्को की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाली अनन्या अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि कमजोर अर्थव्यवस्था, कट्टरपंथी समाज और आतंकवाद की गहरी जड़ों के साथ ही पाकिस्तान के विक्षिप्त व्यवहार के कारण वह गिरते हुए एक विफल राज्य की ओर गिरता चला जा रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में चरमपंथी विचारधाराओं और कट्टरपंथी शक्तियों की आतंकवाद की सबसे गहरी अभिव्यक्तियों सहित हर तरह का अंधेरा मौजूद है। उन्होंने कहा कि यूनेस्को के मंच का दुरुपयोग भारत के खिलाफ जहर उगलने और उसका राजनीतिकरण करने के लिए हम पाकिस्तान की निंदा करते हैं।
‘विफल होने वाले देशों की संभावित सूची में पाकिस्तान 14वें नंबर पर’
अनन्या अग्रवाल ने कहा कि साल 2018 में में विफल होने वाले देशों की संभावित सूची में पाकिस्तान 14वें नंबर पर था। सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में प्रधानमंत्री इमरान खान की टिप्पणी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसका नेता संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल खुलेआम परमाणु युद्ध का प्रचार करने और अन्य राष्ट्रों के खिलाफ हथियार रखने के लिए करता है। बता दें कि इमरान खान ने सितंबर में कहा था कि अगर दो परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसियों के बीच युद्ध होता है, तो नतीजे उनकी सीमाओं से बहुत आगे निकल जाएंगे।
‘भारत के प्रति दुर्भावनापूर्ण बयानबाजी कर रहा हैपाक’
अनन्या अग्रवाल ने सवाल किया कि अगर मैं यहां मौजूद लोगों को बताऊं कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपतियों में से एक जनरल परवेज मुशर्रफ ने हाल ही में ओसामा बिन लादेन और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादियों को पाकिस्तान का नायक करार दिया था, तो क्या आपको यकीन होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान अपनी धरती पर अल्पसंख्यक समुदाय के मानवाधिकारों की खराब हालत के बावजूद, भारत के प्रति दुर्भावनापूर्ण बयानबाजी कर रहा है।
‘महिलाओं के खिलाफ लिंग आधारित अपराध आज पाकिस्तान में एक गंभीर समस्या’
उन्होंने कहा कि साल 1947 में पाकिस्तान के अलग देश बनने के बाद वहां 23 प्रतिशत आबादी अल्पसंख्यक थी, जो अब घटकर तीन प्रतिशत बची है। इसने ईसाई, सिख, अहमदिया, हिंदू, शिया, पश्तून, सिंधी और बलूचियों पर ईश निंदा के आरोप लगाए, उनका शोषण किया और जबरन धर्म परिवर्तन कराया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ लिंग आधारित अपराधों में ऑनर किलिंग, एसिड अटैक, जबरन धर्मांतरण, जबरन विवाह और बाल विवाह शामिल हैं, जो आज पाकिस्तान में एक गंभीर समस्या है।
अनन्या ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान द्वारा अल्पसंख्यकों के खिलाफ किए जाने वाले व्यवहार, नफरत फैलाने वाले भाषण और आतंकवाद के महिमामंडन करने व अपने स्वयं के दयनीय रिकॉर्ड को छिपाने के लिए पाकिस्तान द्वारा गढ़े गए झूठे आरोपों को भारत दृढ़ता से खारिज करता है।