Advertisement
25 October 2016

भारत में होने वाले हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में शामिल होगा पाकिस्तान

फाइल फोटो

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने पाकिस्तान के हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में शरीक होने की पुष्टि की है। उन्होंने कल मीडिया को बताया, पाकिस्तान हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में शरीक होगा। हालांकि पाकिस्तान की ओर से यह भागीदारी किस स्तर से होगी यह स्पष्ट नहीं है। सम्मेलन की महत्वपूर्ण मंत्री स्तरीय बैठक, जिसे इस्तानबुल प्रक्रिया भी कहा जाता है, चार दिसंबर को अमृतसर में होगी। पिछले साल दिसंबर में इस्तानबुल प्रक्रिया की बैठक की मेजबानी पाकिस्तान ने की थी। इसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शरीक हुई थीं। अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि इस दौरान भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच औ़पचारिक बातचीत होगी या नहीं। पाकिस्तान के इस सम्मेलन में शामिल होने पर संदेह के बादल इसलिए मंडरा रहे थे क्योंकि सीमा पर तनाव बना हुआ है। इसके अलावा भारत ने इस्लामाबाद में नवंबर में होने वाले दक्षेस सम्मेलन का बहिष्कार भी किया है। इन परिवर्तनों से परिचित अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान का हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में शरीक नहीं होकर भारत के नक्शेकदम पर चलने का कोई इरादा नहीं है।

पाकिस्तान के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक सम्मेलन का बहिष्कार करने का कोई अर्थ इसलिए नहीं निकलता क्योंकि यह कार्यक्रम अफगानिस्तान के बारे में है। उन्होंने कहा, सभी पक्षकारों का यह मानना है कि पाकिस्तान को हार्ट ऑफ एशिया-इस्तानबुल सम्मेलन में भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैठक में पाकिस्तान की भागीदारी से पूरे विश्व को ऊंचा और स्पष्ट संदेश जाएगा कि भारत के विपरीत वह अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता लाने के लिए अपने पड़ोसियों के साथ संपर्क साधने के पक्ष में है। रूस, चीन और तुर्की समेत 14 सदस्य देशों के विदेश मंत्री इस एक दिवसीय सम्मेलन में हिस्सा ले सकते हैं। सम्मेलन का उद्देश्य अफगानिस्तान में वर्तमान हालात पर चर्चा करना है। अमेरिका समेत अन्य 17 देशों के अधिकारी भी इस बैठक में भाग लेंगे। इसकी संयुक्त रूप से अध्यक्षता अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस सम्मेलन की शुरूआत वर्ष 2011 में अफगानिस्तान और तुर्की की पहल पर हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य अफगानिस्तान में विकास और प्रगति को बढ़ावा देने और यहां दीर्घकालिक शांति तथा स्थिरता को कायम करने लिए क्षेत्रीय सहयोग तथा संपर्क को प्रोत्साहन देना है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: पाकिस्तान, भारत, हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन, नियंत्रण रेखा, गोलीबारी, तनाव, अफगानिस्तान, अफगान राष्ट्रपति, अशरफ गनी, सरताज अजीज, इस्तानबुल प्रक्रिया, सुषमा स्वराज, Pakistan, India, Heart Of Asia Confrence, LOC, Firing, Tension, Afghanistan, Afghan President, Ashraf Ghani, Sa
OUTLOOK 25 October, 2016
Advertisement