कोरोना वायरस से निपटने के लिए SAARC नेताओं से हुई पीएम मोदी की चर्चा, इमर्जेंसी फंड के लिए 1 करोड़ डॉलर देगा भारत
कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर रविवार शाम को साउथ एशियन असोसिएशन फॉर रिजनल को-ऑपरेशन (SAARC) देशों के प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक दूसरे से मुखातिब हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने कोविड-19 इमर्जेंसी फंड बनाने का सुझाव दिया और भारत की तरफ से इसके लिए 1 करोड़ डॉलर देने का ऐलान किया। भारत द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। सार्क नेताओं ने पीएम मोदी को इस पहल के लिए शुक्रिया कहा और साथ मिलकर इस चुनौती से निपटने पर हामी भरी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग और पाकिस्तान की तरफ से वहां के स्वास्थ्य राज्य मंत्री जफर मिर्जा शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया की 20 फीसदी आबादी वाले सार्क देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले कम हैं लेकिन सभी देशों को मिलकर इस चुनौती का सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें साथ मिलकर इस चुनौती से लड़ना और जीतना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 को हाल ही में डब्लूएचओ ने महामारी घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा, 'सार्क देशों में कम संक्रमण है, करीब 150 केस ही हैं। सार्क देशों में दुनिया की 1/5 आबादी है। हमारे लोगों से लोगों के बीच संपर्क काफी शानदार है और एक दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। इसलिए हमें साथ मिलकर तैयारी करनी चाहिए, साथ मिलकर काम करना चाहिए और हम सभी को साथ मिलकर सफल होना चाहिए। हम इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।'
पीएम मोदी बोले- इमरजेंसी फंड में भारत देगा एक करोड़ डॉलर
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सार्क देशों को एकजुट करते हुए कोविड -19 के लिए इमर्जेंसी फंड बनाने का प्रस्ताव दिया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत इसके लिए 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी एक करोड़ डॉलर की मदद देगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम परीक्षण किट और अन्य उपकरणों के साथ भारत में डॉक्टरों की एक रैपिड रिस्पांस टीम तैयार कर रहे हैं।
पाकिस्तान ने की कश्मीर से प्रतिबंध हटाने की मांग
सार्क देशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोरोनो वायरस के खतरे से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर में सभी प्रतिबंध हटाए जाने चाहिए।
इससे पहले पीएम मोदी ने शनिवार रात को ट्वीट करते हुए कहा था, 'एक स्वस्थ ग्रह के लिए समय पर कार्रवाई करनी चाहिए। रविवार शाम 5 बजे सार्क (SAARC) देशों के नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना वायरस की चुनौती से लड़ने के लिए एक रोडमैप पर चर्चा करेंगे। मुझे विश्वास है कि हमारे एक साथ आने से प्रभावी परिणाम प्राप्त होंगे और हमारे देश के नागरिकों को उसका लाभ मिलेगा।'
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए दक्षेस देशों द्वारा एक संयुक्त रणनीति बनाने का प्रस्ताव शुक्रवार को दिया जिसका नेपाल और श्रीलंका जैसे सदस्य देशों ने स्वागत किया है।
मोदी ने विश्व के सामने उदाहरण रखने के उद्देश्य से दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के नेताओं की वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए चर्चा का शुक्रवार को प्रस्ताव दिया ताकि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मजबूत रणनीति बनाई जा सके।
सभी देशों ने किया था पहल का स्वागत
उनकी अपील पर श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और अफगानिस्तान की सरकार ने स्वागत किया।
हम दुनिया के समक्ष उदाहरण पेश कर सकते हैं: मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एकजुट होकर हम दुनिया के समक्ष उदाहरण पेश कर सकते हैं और स्वस्थ दुनिया के प्रति योगदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रस्ताव करना चाहूंगा कि दक्षेस देशों का नेतृत्व कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक मजबूत रणनीति बनाये। हम हमारे नागरिकों को स्वस्थ रखने के तरीकों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा कर सकते हैं।’’
मोदी ने ट्विटर पर कहा, ‘‘हमारा ग्रह कोविड-19 कोरोना वायरस से जूझ रहा है। विभिन्न स्तरों पर, सरकारें और लोग इसका मुकाबला करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया को यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए कि लोग स्वस्थ रहे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश कर सकते हैं और ग्रह को स्वस्थ रखने में योगदान कर सकते हैं।’’
दक्षेस में ये देश हैं शामिल
दक्षेस क्षेत्रीय अंतर सरकारी संगठन है जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।
मोदी की पहल पर सदस्य देशों की प्रतिक्रिया
प्रस्ताव का स्वागत करते हुए राजपक्षे ने कहा कि श्रीलंका चर्चा में शामिल होने, अपने अनुभवों को साझा करने और अन्य दक्षेस देशों से सीखने के लिए तैयार है। राजपक्षे ने ट्वीट किया, ‘‘आपकी महान पहल के लिए धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी-- लंका चर्चा में शामिल होने, अपने अनुभवों को साझा करने और दक्षेस के दूसरे देशों से सीखने के लिए तैयार है। इस कठिन समय में हम एकजुटता दिखाएं और अपने नागरिकों को सुरक्षित रखें।’’
नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने भी प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि उनकी सरकार दक्षेस के देशों के साथ काम करने के लिए तैयार है ताकि इस खतरनाक रोग से लोगों की रक्षा की जा सके। ओली ने ट्वीट किया, ‘‘कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दक्षेस देशों के नेतृत्व द्वारा मजबूत रणनीति बनाने की खातिर प्रधानमंत्री मोदी के विचारों का मैं स्वागत करता हूं। दक्षेस के सदस्य देशों के साथ काम करने के लिए मेरी सरकार तैयार है ताकि इस घातक बीमारी से अपने नागरिकों की रक्षा कर सकें।’’
मालदीव के प्रधानमंत्री सोलिह ने कहा कि उनका देश प्रस्ताव का स्वागत करता है और इस तरह के क्षेत्रीय प्रस्ताव का पूरा समर्थन करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर पहल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद। कोविड-19 को परास्त करने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है। मालदीव इस प्रस्ताव का स्वागत करता है और इस तरह के क्षेत्रीय प्रयास का पूरी तरह समर्थन करता है।’’
भूटान के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसे हम नेतृत्व कहते हैं। इस क्षेत्र का सदस्य होने के नाते इस समय हमें एकजुट होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘छोटी अर्थव्यवस्थाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं इसलिए हमें समन्वय करना चाहिए। आपके नेतृत्व में मुझे कोई संदेह नहीं है और हम तुरंत एवं प्रभावी परिणाम देखेंगे। वीडियो कांफ्रेंस का इंतजार है।’’
बांग्लादेश के विदेश राज्यमंत्री शहरयार आलम ने कहा कि प्रधानमंत्री हसीना ने प्रस्ताव का स्वागत किया है और मोदी, सोलिह, ओली, शेरिंग, राजपक्षे और अन्य देशों के प्रमुखों के साथ सार्थक बातचीत चाहती हैं। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के प्रवक्ता सेदिक सिद्दिकी ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार मोदी के प्रस्ताव और दक्षेस के अन्य देशों द्वारा क्षेत्र में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एकीकृत रणनीति बनाने की तैयारी का स्वागत करती है।