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22 May 2023

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रशांत द्वीपीय देशों से कहा: भारत आपकी प्राथमिकताओं का सम्मान करता है

पीटीआई

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रशांत द्वीपीय देशों से सोमवार को कहा कि वे भारत को अपने विकास के एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देख सकते हैं क्योंकि वह उनकी प्राथमिकताओं का सम्मान करता है और सहयोग करने का उसका दृष्टिकोण मानवीय मूल्यों पर आधारित है।

मोदी ने हिंद-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव और अन्य वैश्विक घटनाक्रमों पर भी बात की और कहा कि जो ‘हमारे विश्वासपात्र माने जाने थे, ऐसा पाया गया कि वे जरूरत के समय हमारे साथ खड़े नहीं हुए।’

 

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प्रधानमंत्री मोदी ने प्रशांत द्वीपीय देशों के लिए स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद प्रशांत की महत्ता को भी रेखांकित किया और कहा कि भारत सभी देशों की संप्रभुता एवं अखंडता का सम्मान करता है।

 

पापुआ न्यू गिनी की राजधानी में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने ऐसे समय में ये टिप्पणियां की हैं, जब चीन क्षेत्र में आक्रामक रवैया अपना रहा है और प्रशांत द्वीपीय देशों पर अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशें कर रहा है। मोदी पापुआ न्यू गिनी की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।

 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत आपकी प्राथमिकताओं का सम्मान करता है। आपके विकास में साझेदार बनना हमारे लिए गर्व की बात है– भले वह मानवीय सहायता हो या आपका विकास हो, आप भारत को एक विश्वसनीय साझेदार के तौर पर देख सकते हैं। हमारा दृष्टिकोण मानवीय मूल्यों पर आधारित है।’’

 

इस सम्मेलन में 14 प्रशांत द्वीपीय देशों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। मोदी ने सम्मेलन की शुरुआत में इसे संबोधित करते हुए कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रतिकूल प्रभावों और खाद्य, ईंधन, उर्वरक एवं दवा उत्पादों संबंधी अन्य वैश्विक विकास कार्यों पर भी बात की।

 

मोदी ने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘जिन्हें हम अपना विश्वासपात्र समझते थे, ऐसा पाया गया कि वे जरूरत के समय हमारे साथ खड़े नहीं रहे। इस मुश्किल दौर में पुरानी कहावत सही साबित हुई: सच्चा दोस्त वही है, जो मुश्किल समय में काम आए।’’

 

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि भारत इस मुश्किल समय में भी अपने प्रशांत द्वीपीय देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा। भले ही भारत में निर्मित टीकों या आवश्यक दवाइयों की बात हो या भले ही गेहूं या चीनी की बात हो, भारत ने अपनी क्षमताओं के अनुसार अपने साथी देशों की मदद करना जारी रखा।’’

 

प्रधानमंत्री ने स्वतंत्र, मुक्त एवं समावेशी हिंद-प्रशांत के लिए भी भारत के मजबूत समर्थन की पुन: पुष्टि की।

 

मोदी ने कहा, ‘‘आपकी तरह हम भी बहुपक्षवाद में भरोसा करते हैं, स्वतंत्र, मुक्त एवं समावेशी हिंद-प्रशांत का समर्थन करते हैं और सभी देशों की संप्रभुता एवं अखंडता का सम्मान करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत प्रशांत द्वीपीय देशों के साथ सहयोग बढ़ाने को तैयार है।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘हम बिना किसी हिचकिचाहट के आपके साथ अपनी क्षमताएं एवं अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं, फिर भले ही वह डिजिटल प्रौद्योगिकी हो या अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सुरक्षा हो या खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन हो या पर्यावरणीय सुरक्षा। हम आपके साथ हैं।’’ उन्होंने जी-20 की अपनी अध्यक्षता के तहत भारत की प्राथमिकताओं को भी रेखांकित किया।

 

मोदी ने कहा, ‘‘आपका यह महासागर भारत को आपसे जोड़ता है। भारतीय विचारधारा में पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में देखा जाता है। इस वर्ष जी-20 की हमारी अध्यक्षता का विषय ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ भी इसी विचारधारा पर आधारित है।’’

 

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस साल जनवरी में ‘वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट’ का आयोजन किया था। आपके प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया था। भारत जी-20 के माध्यम से दुनिया को ‘ग्लोबल साउथ’ की चिंताओं, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं से अवगत कराना अपना कर्तव्य समझता है।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्राथमिकता होनी चाहिए।

 

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसके लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार हमारी साझा प्राथमिकता होनी चाहिए।’’

 

प्रधानमंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के अपने समकक्ष जेम्स मारापे के साथ इस शिखर सम्मेलन की सह अध्यक्षता की। भारत का 14 प्रशांत द्वीप देशों (पीआईसी) के साथ जुड़ाव उसकी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का हिस्सा है।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने फिजी की अपनी यात्रा के दौरान 19 नवंबर, 2014 में सुवा में पहले एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। एफआईपीआईसी का दूसरा शिखर सम्मेलन 21 अगस्त, 2015 को जयपुर में हुआ था, जिसमें सभी 14 पीआईसी ने भाग लिया था।

 

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TAGS: PM Narendra Modi, Pacific Island nations, India respects your priorities
OUTLOOK 22 May, 2023
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