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11 June 2019

नीरव मोदी की जमानत पर लंदन हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, कल आ सकता है फैसला

पंजाब नेशनल बैंक के साथ धोखाधड़ी कर देश छोड़ कर भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने ब्रिटेन के हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। जिस पर लंदन हाइकोर्ट में सुनवाई हुई। इस पर कल सुबह 10 बजे तक फैसला दिया जा सकता है।

सुनवाई के दौरान मोदी के वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने दलील दी कि नीरव मोदी हीरा व्यापारी हैं। इस मामले में भारत सरकार का पक्ष क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) रख रही है। सीपीएस ने कहा गया है कि नीरव मोदी फरार हो सकता है।

सुनवाई के दौरान नीरव मोदी के वकील ने दलील दी कि सफेदपोश अपराध में पलायन की दर कम है। इस पर मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि हो सकता है कि उनकी इच्छा ऐसी न हो, लेकिन ऐसा संभव है। नीरव के वकील ने कहा कि स्विट्जरलैंड और अन्य स्थानों पर उनकी संपत्ति फ्रीज की गई हैं। फायरस्टार की घटना के बाद ज्यादातर मामलों मेंऑफिस होल्डर्स ग्रुप की संपत्ति रखते हैं।

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मोंटगोमेरी ने तर्क दिया कि नीरव मोदी लंदन पूंजी इकट्ठा करने के लिए आए हैं। अगर उन्हें जमानत मिली तो उन्होंने खुद को एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से टैग करने की इच्छा जताई है, जिसके जरिये उन्हें ट्रैक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चूंकि उनके खिलाफ प्रत्यर्पण का मामला शुरू हो चुका है, इसलिए उनके भागने का सवाल पैदा नहीं होता। उनके बेटे और बेटी इंग्लैंड में यूनिवर्सिटी खोल रहे हैं और वे आते जाते रहेंगे। 

नीरव मोदी की वकील के तर्क पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट में भारत सरकार का पक्ष रख रहे क्राउन प्रॉसेक्यूशन सर्विस ने कहा कि आरोप फर्जीवाड़ा और आपराधिक कृत्य के हैं। इस पर न्यायाधीश ने कहा है कि ये बस आरोप हैं। इन्हें तय समय-सीमा के भीतर निपटाना होगा। यह अनसिक्यॉर्ड लेंडिंग का मामला है। 

क्या है मामला?

गौरतलब है कि नीरव मोदी पर पीएनबी के साथ 2 अरब डॉलर तक की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी है। 31 जनवरी 2018 को इस  मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद सीबीआई ने नीरव की तलाश शुरू की थी, लेकिन काफी दिनों बाद पता चला कि वह लंदन में है। नीरव ने मामला दर्ज होने से पहले ही दिसंबर 2017 में देश छोड़ दिया था।

तीन बार जमानत याचिका हो चुकी है खारिज

बता दें कि लंदन की विभिन्न अदालतों में तीन दफे नीरव की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। नीरव के वकीलों ने जमानत राशि 20 लाख पाउंड तक बढ़ाने के साथ ही नजरबंदी तक की पेशकश की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।

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OUTLOOK 11 June, 2019
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