नेपाल में बारिश का कहर: भूस्खलन और बाढ़ से 52 की मौत, कई लापता और घायल
पूर्वी नेपाल में विभिन्न स्थानों पर हो रही मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन हुआ और बाढ़ आई, जिससे रविवार सुबह तक कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई।
सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार सुबह 10 बजे से रविवार सुबह 10 बजे तक हुई मौतों में से अधिकांश 37 लोग सबसे अधिक प्रभावित कोशी प्रांत से थे जहां बाढ़, भूस्खलन, बिजली गिरने और सड़क दुर्घटनाओं के कारण मरने वालों की संख्या में वृद्धि हुई, जबकि नेपाल के सात प्रांतों में से पांच कोशी, मधेस, बागमती, गंडकी और लुम्बिनी में मानसून सक्रिय था।
स्थानीय मीडिया ने जल विज्ञान और मौसम विज्ञान विभाग के हवाले से रविवार सुबह बताया कि शुक्रवार से लगातार हो रही बारिश के कारण पूर्वी नेपाल में आठ प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई हैं। साथ ही बागमती और पूर्वी राप्ती नदियों के आसपास के क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया गया है।
हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि रविवार सुबह आसमान साफ़ होने के बाद काठमांडू से घरेलू उड़ानें फिर से शुरू हो गईं। खराब मौसम के कारण शनिवार से सभी प्रांतों के लिए उड़ानें रोक दी गई थीं।
नेपाल सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के जवानों को विभिन्न क्षेत्रों में बचाव अभियान चलाने के लिए तैनात किया गया। इलाम जिले से एक गर्भवती महिला सहित चार लोगों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित स्थान पर लाया गया गया और धरान नगरपालिका के एक अस्पताल में ले जाया गया।
नेपाल सरकार ने रविवार को वर्षाजनित आपदाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को तत्काल राहत के रूप में 2,00,000 नेपाली रुपये (एनआर) देने की घोषणा की। राष्ट्रीय आपदा एवं जोखिम न्यूनीकरण प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरआरएमए) के एक बयान में कहा गया है कि मृतकों के परिजनों को आर्थिक मुआवजा देने के अलावा, घायलों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हिमालयी राष्ट्र को मदद की पेशकश करते हुए कहा कि भारत हर प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘नेपाल में भारी बारिश के कारण हुई जान-माल की हानि और क्षति दुखद है। हम इस कठिन समय में नेपाल की जनता और सरकार के साथ हैं।’
बाढ़ और भूस्खलन के कारण उदयपुर में दो और पंचथार में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके अलावा, रौतहट में बिजली गिरने से तीन और खोतांग जिले में दो लोगों की मौत हो गई।
इस बीच, पंचथार जिले में भारी बारिश के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त होने के कारण हुई एक दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गई। रसुवा जिले के लांगटांग संरक्षण क्षेत्र में उफनती नदी में बह जाने से कम से कम चार लोग लापता हो गए, और इल्लम, बारा तथा काठमांडू में बाढ़ की घटनाओं में एक-एक व्यक्ति लापता हैं।
धौबाजी ने बताया कि लांगंग क्षेत्र में ट्रैकिंग अभियान पर गए 16 लोगों में से चार लोग भी लापता हो गए हैं। काठमांडू घाटी में रविवार को, पिछले दो दिनों की तुलना में कम बारिश हुई और कुछ राष्ट्रीय राजमार्गों से भूस्खलन के कारण हुई रुकावटें हटा दी गई हैं।
एनडीआरआरएमए द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘मानसून काउंटर कमांड पोस्ट के निर्णय के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच में रुकी आपातकालीन सेवाओं, माल परिवहन, यात्री वाहनों और छोटी दूरी के वाहनों को स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय में सड़कों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने गंतव्य की ओर जाने की अनुमति दी जाएगी।’’ हालांकि, अगले आदेश तक जोखिम भरी सड़कों और राजमार्गों पर रात में वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है।
नेपाली अधिकारियों ने शनिवार को लगातार बारिश और अगले तीन दिनों तक भूस्खलन की संभावना के कारण काठमांडू से वाहनों के प्रवेश और निकास पर प्रतिबंध लगा दिया। बागमती और पूर्वी राप्ती नदियों के आसपास के क्षेत्रों के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया गया। अधिकारियों ने बताया कि मानसून के सक्रिय रहने के कारण शुक्रवार रात से काठमांडू और देश के अन्य हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है।