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04 September 2020

कोविड-19 का रूसी टीका सुरक्षित, परीक्षणों में एंटीबॉडी बनते नजर आए: लांसेट स्टडी

कोविड-19 के रूसी टीके ‘स्पुतनिक V’ के कम संख्या में मानवों पर किये गये परीक्षणों में कोई गंभीर नुकसान पहुंचाने वाला परिणाम सामने नहीं आया है और इसने परीक्षणों में शामिल किये गये सभी लोगों में ‘एंटीबॉडी’ भी विकसित की। द लांसेट जर्नल में शुक्रवार को प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।

रूस ने पिछले माह इस टीके को मंजूरी दी थी। टीके के शुरूआती चरण का यह परीक्षण कुल 76 लोगों पर किया गया और 42 दिनों में टीका सुरक्षा के लिहाज से अच्छा नजर आया।

इसने परीक्षणों में शामिल सभी लोगों में 21 दिनों के अंदर एंटीबॉडी भी विकसित की। अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि परीक्षण के द्वितीय चरण के नतीजों से यह पता चलता है कि इस टीके ने शरीर में 28 दिनों के अंदर टी-कोशिकाएं भी बनाई।

इस दो हिस्से वाले टीके में रीकोम्बीनेंट ह्यूमन एडेनोवायरस टाइप 26 (आरएडी26-एस) और रीकोम्बीनेंट ह्यूमन एडेनोवायरस टाइप 5 (आरएडी5-एस) शामिल हैं।

अध्ययनकर्ताओं के अनुसार ‘‘एडेनोवायरस’’ के चलते आमतौर पर जुकाम होता है। टीके में इसे भी कमजोर कर दिया गया है ताकि वे मानव कोशिकाओं में प्रतिकृति नहीं बना पाएं और रोग पैदा नहीं कर सकें।

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इस वैक्सीन का उद्देश्य एंटीबॉडी और टी-सेल विकसित करना है, ताकि वे उस वक्त वायरस पर हमला कर सकें जब यह शरीर में घूम रहा हो और साथ ही सार्स-कोवी-2 द्वारा संक्रमित कोशिकाओं पर भी हमला कर सकें।

रूस स्थित महामारी एवं सूक्ष्म जीवविज्ञान गामेलिया राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र के वैज्ञाानिक एवं अध्ययन के प्रमुख लेखक डेनिस लोगुनोव ने कहा, ‘‘जब एंटीवायरस टीका शरीर में प्रवेश करता है तो वह सार्स-कोवी-2 को खत्म करने वाले हमलावर प्रोटीन पैदा करता है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘इससे प्रतिरक्षा प्रणाली को सार्स-कोवी-2 की पहचान करने और उस पर हमला करने के लिये सिखाने में मदद मिलेगी। सार्स-कोवी-2 के खिलाफ काफी मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित करने के लिये यह जरूरी है कि टीके की अतिरिक्त खुराक मुहैया की जाए। ’’

ये परीक्षण रूस के दो अस्पतालों में किये गये। परीक्षणों में 18 से 60 साल की आयु के स्वस्थ व्यक्तियों को शामिल किया गया। परीक्षण के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए जॉन हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, अमेरिका, के नोर बार-जीव ने कहा कि परीक्षण के परिणाम उत्साहजनक है लेकिन ये छोटे पैमाने पर किये गये।

अध्ययन के लेखकों ने कहा है कि विभिन्न आबादी समूहों में टीके की कारगरता का पता लगाने के लिये और ज्यादा अध्ययन किये जाने की जरूरत है। रूसी अनुसंधान केंद्र के प्रो. अलेक्जेंडर गिनत्सबर्ग ने कहा कि टीके के तीसरे चरण के परीक्षण की 26 अगस्त को मंजूरी मिली है। इसमें 40,000 स्वयंसेवियों को विभिन्न आयु समूहों से शामिल किये जाने की योजना है।

 

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TAGS: कोविड-19, कोरोना वायरस, कोरोना रूसी टीका, रूस कोरोना वैक्सीन, एंटीबॉडी, लांसेट स्टडी, Russian Corona vaccine, covid19 vaccine, antibody, human trials, Lancet Study, स्पुतनिक V
OUTLOOK 04 September, 2020
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