सू ची की पार्टी ने जीता म्यांमार का ऐतिहासिक चुनाव
शासन की बागडोर सेना के हाथ से निकलने पर म्यांमार में हो रहे इस ऐतिहासिक बदलाव के तहत विजेता पार्टी को राष्ट्रपति निर्वाचित करने का और सरकार बनाने का अवसर मिल गया है। वर्ष 1990 के बाद से सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी का यह पहला चुनाव है। इस चुनाव में इसे इतनी बड़ी संख्या में वोट पड़े हैं कि 80 प्रतिशत से ज्यादा सीटें एनएलडी के खाते में आ गई हैं।
पांच दशक तक सेना के नियंत्रण में रहे इस देश के राजनीतिक परिदृश्य में भारी बदलाव के लिए सरकार अब सू ची की पार्टी को आमंत्रित कर रही है। इस बहुमत के जरिए सू ची की पार्टी को निचले और ऊपरी सदन में नियंत्रण मिल गया है। इसके चलते यह पार्टी राष्ट्रपति का निर्वाचन और सरकार का गठन कर सकती है। चुनाव में मिला भारी बहुमत 70 वर्षीय सू ची को भविष्य में सैन्य प्रतिष्ठान के साथ होने वाली राजनीतिक रस्साकशी में फायदे की स्थिति में रखेगा। इन चुनावों में सैन्य प्रतिष्ठान संयत रहे हैं लेकिन फिर भी व्यापक शक्तियां इनके ही हाथ में हैं। सू ची म्यांमार के राष्ट्रपति पद पर आसीन नहीं हो सकतीं क्योंकि सेना द्वारा बनाए गए संविधान के प्रावधान इसमें बाधा पैदा करते हैं। साथ ही म्यांमार का यह संविधान सेना के लिए 25 फीसदी सीटें भी सुनिश्चित करता है। सू ची पहले ही राष्ट्रपति से ऊपर रहते हुए शासन करने का संकल्प जता चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि वह शीर्ष कार्यालय में एक प्रतिनिधि नियुक्त करके संविधान के इस प्रतिबंध से निपट लेंगी।
म्यांमार के स्वतंत्र विश्लेषक रिचर्ड होस्रे ने बताया कि एनएलडी जो भी नियम पारित करना चाहेगी, वह कर सकेगी। उन्हें गठबंधन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और उन्हें समझौते करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा, लेकिन सत्ता हस्तांतरण के दौरान एनएलडी को हर एक को एकसाथ रखने के लिए सजग रहना होगा। चुनाव में मिली भारी जीत से उत्साहित सू ची ने राष्ट्रपति थीन सीन और सैन्य प्रमुख मिन आंग लियांग के साथ राष्ट्रीय मैत्री वार्ताओं का आह्वान किया था। जिसके जवाब में राष्ट्रपति थीन सीन और सैन्य प्रमुख मिन आंग लियांग ने एनएलडी को उसके चुनावी प्रदर्शन पर बधाई दी है और चुनाव के नतीजों को स्वीकार करने के साथ-साथ शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण में मदद का भी संकल्प जताया है। थीन सीन की सत्ताधारी यूनियन सोलिडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी इन चुनावों में आसानी से पराजित हो गई। यह पार्टी पूर्व सैन्य कार्यकर्ताओं से बनी है।
हालांकि वर्ष 2011 में सरकार का नेतृत्व करने के लिए अपनी वर्दी छोड़ कर असैन्य वेश में आ जाने वाले पूर्व जनरल थीन सीन को सुधारों की शुरूआत के लिए सराहा जाता है। इन सुधारों का असर रविवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए चुनाव में देखने को मिला। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने सू ची को उनकी चुनावी जीत पर बधाई दी लेकिन उन्होंने सुधार प्रक्रिया में नेतृत्व के लिए थीन सीन के साहस एवं सोच की सराहना भी की। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इन चुनावों का स्वागत किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सू ची और राष्ट्रपति दोनों से ही बात की और बधाई दी।