पाकिस्तान पहुंची सुषमा, रिश्ते सुधारने पर होगी चर्चा
वैसे तो सुषमा का यह दौरा बुनियादी तौर पर अफगानिस्तान पर हो रहे एक बहुपक्षीय सम्मेलन के लिए है, लेकिन उनकी इस यात्रा ने दोनों देशों को हाल की कड़वाहटों से उबरने और द्विपक्षीय बातचीत बहाल करने, बातचीत के प्रारूप तथा व्यवस्था को लेकर आगे बढ़ने का अवसर प्रदान कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्री कल पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के साथ मुलाकात करेंगी जिसके बाद दोनों पक्ष बातचीत की प्रक्रिया में आगे बढ़ने का संकेत दे सकते हैं। अपने दो दिवसीय दौरे पर इस्लामाबाद पहुंचने के तत्काल बाद सुषमा ने कहा, मैं इस संदेश के साथ आई हूं कि दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे होने चाहिए और आगे बढ़ने चाहिए। वह बुधवार को अफगानिस्तान पर पाचवें मंत्रीस्तरीय सम्मेलन हार्ट ऑफ एशिया में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगी।
मोदी सरकार बनने के बाद पाकिस्तान का दौरा करने वाली वह भारत सरकार की पहली मंत्री हैं। उन्होंने इसकी जानकारी साझा करने से इंकार कर दिया कि वह पाकिस्तानी नेताओं के साथ क्या चर्चा करने जा रही हैं, हालांकि सुषमा ने कहा, बातचीत के दौरान क्या होगा इस बारे में मुलाकात के बाद पता चलेगा। उन्होंने कहा, हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अफगानिस्तान से जुड़ा है। इसलिए मैं इसमें भाग लेने के लिए यहां आई हूं। यह सम्मेलन पाकिस्तान में हो रहा है इसलिए द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और इसे आगे ले जाने के बारे में बातचीत करने के लिए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलना और सरताज अजीज के साथ वार्ता करना आवश्यक एवं उचित है।
सरताज अजीज ने कल कहा था कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में गतिरोध कुछ हद तक कम हुआ है। अजीज ने कहा कि सुषमा के साथ अपनी मुलाकात के दौरान वह समग्र वार्ता प्रक्रिया को बहाल करने पर ध्यान देने के साथ कई मामलों पर चर्चा करेंगे। विदेश मंत्री का यह दौरा भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बीते रविवार को बैंकॉक में हुई मुलाकात के बाद हो रहा है। दोनों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने रचानात्मक संपर्क को आगे बढ़ाने पर सहमति जताने के अलावा आतंकवाद, जम्मू-कश्मीर तथा कई प्रमुख द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की थी।
सुषमा के दौरे से तीन साल पहले वर्ष 2012 में तत्कालीन विदेश मंत्री एस एम कृष्णा पाकिस्तान गए थे और तब दोनों देशों ने वीजा उदारीकरण समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इस दौरे पर विदेश मंत्री के साथ विदेश सचिव एस जयशंकर भी पाकिस्तान पहुंचे हैं।