तालिबान प्रमुख मुल्ला उमर की मौत
इस्लामाबाद। खबर है कि तालिबान के प्रमुख मुल्ला उमर की मौत हो गई है। मुल्ला उमर पिछले कुछ समय से फरार चल रहा था। मुल्ला उमर ने 1996 से 2001 के बीच अफगानिस्तान में अपना कट्टरपंथी शासन चलाया था। बाद में अमेरिका नीत सरकार ने उसकी सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था। इस संबंध में तालिबान प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि तालीबान जल्द ही एक बयान जारी करेगा।
गौरतलब है कि इस माह के शुरू में तालिबान ने ईद की पूर्व संध्या पर मुल्ला उमर का संदेश जारी किया था। इस संदेश में तालीबान प्रमुख ने अपने समूह एवं अफगान सरकार के बीच अफगानिस्तान में 13 साल से चल रहे युद्ध के खात्मे के लिए होने वाली बातीचत को उचित ठहराया था और उसकी सराहना की थी।
हालांकि पूर्व में भी उमर की मौत को लेकर कई बार खबरें आ चुकी हैं। लेकिन इस बार अफगान सरकार के शीर्ष सूत्रों ने इस खबर की पुष्टि की है।
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के हटने के बाद से उमर फरार है। 9/11 हमले के बाद उमर के अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का समर्थन करने के बाद अमेरिका के नेतृत्व में अफगानिस्तान के खिलाफ अभियान चलाया गया था। मुल्ला उमर पर एक करोड़ अमेरिकी डालर का इनाम घोषित था। तालिबान नेता एवं लड़ाकों ने अपने प्रमुख को 2007 के बाद से नहीं देखा है।
अफगान तालिबान ने इस साल 500 शब्दों की जीवनी प्रकाशित की थी जो उसके समूह प्रमुख के रूप में 19 वर्ष पूरे करने के अवसर पर प्रकाशित की गई थी। जीवनी में कहा गया कि वह कांधार प्रांत में खाखरेज जिले के एक गांव में पैदा हुआ था। जीवनी में 1983 से 1991 के बीच रूसी सेनाओं के साथ हुई लड़ाई में उमर की उपलब्धियों को गिनाया गया है। इसमें कहा गया है कि मुल्ला उमर चार बार घायल हुआ और उसकी दायीं आंख चली गयी।
उमर को 1996 में अमीर उल मोमीन का खिताब मिला जो तालिबान के सर्वोच्च नेता को दिया जाता है।