'आतंकवाद विकास के लिए खतरा, ऐसे नहीं आएगी शांति', संयुक्त राष्ट्र में एस. जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद विकास के लिए "लगातार खतरा" बना हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया को आतंकवादी गतिविधियों के प्रति न तो सहिष्णुता दिखानी चाहिए और न ही उन्हें सहयोग देना चाहिए।
उन्होंने साफ कहा कि आतंकवाद पर ना कोई सहनशीलता दिखनी चाहिए और ना ही किसी तरह की रियायत दी जानी चाहिए। जयशंकर ने आतंकवाद को वैश्विक शांति और विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया और कहा कि जो देश इसके खिलाफ कार्रवाई करते हैं, वो दरअसल अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सेवा करते हैं।
इस दौरान जयशंकर ने कहा कि मौजूदा वैश्विक हालात में आतंकवाद विकास के लिए लगातार खतरा बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय शांति और वैश्विक विकास के बीच संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में दोनों में गिरावट आई है। उन्होंने कहा, "विकास के लिए एक निरंतर खतरा आतंकवाद है जो शांति में बाधा डालने वाला है।"
जयशंकर ने कहा कि जैसे-जैसे दुनिया संघर्ष, आर्थिक दबाव और आतंकवाद का सामना कर रही है, मल्टीलैटरिज्म (बहुपक्षवाद) और संयुक्त राष्ट्र की सीमाएं स्पष्ट दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा, "बहुपक्षवाद में सुधार की आवश्यकता पहले कभी इतनी अधिक नहीं थी।" उन्होंने कहा कि आज अंतराष्ट्रीय हालात राजनीतिक और आर्थिक दोनों ही दृष्टि से अस्थिर हैं।
My remarks at the G20 Foreign Ministers’ Meeting in New York. #UNGA80
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 25, 2025
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जयशंकर ने कहा कि जी-20 के सदस्य के रूप में हमारी विशेष जिम्मेदारी है कि हम इसकी स्थिरता को मजबूत करें। इसे अधिक सकारात्मक दिशा प्रदान करें, जो कि वार्ता और कूटनीति के माध्यम से आतंकवाद का दृढ़तापूर्वक मुकाबला करे। उन्होंने यह भी कहा कि ऊर्जा और जरूरी संसाधनों को अनिश्चित बनाना किसी भी आर्थिक रूप से कमजोर देश के लिए नुकसानदेह है और इससे शांति की राह और कठिन होती है।