इस साल प्रवासियों ने साढ़े चार लाख करोड़ रुपये भारत भेजे
यह बात आज विश्व बैंक ने कही। भारत में सबसे ज्यादा पैसा अमेरिका से भेजा गया। विश्व बैंक की रपट में कहा गया है कि भारत 2015 में विदेशों से भेजे गए मनीआर्डर प्राप्त करने वाला सबसे बड़ा देश रहा। इस दौरान भारत को अनुमानत: 72 अरब डॉलर के मनीआर्डर भेजे गए। इसके बाद चीन (64 अरब डॉलर) और फिलिपींस (30 अरब डॉलर) का स्थान रहा।
रपट के अनुसार जिन देशों से ये मनीआर्डर भेजे गये उनमें अमेरिका सबसे आगे रहा। वर्ष 2014 में अमेरिका से अनुमानत: 56 अरब डॉलर के मनीआर्डर अलग-अलग देशों को भेजे गए। उसके बाद सऊदी अरब (37 अरब डॉलर) और रूस (33 अरब डॉलर) का स्थान रहा। विश्व बैंक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रवासियों की संख्या बढ़कर सबसे अधिक 25 करोड़ के पार पहुंच जाएगी क्योंकि लोग आर्थिक अवसर की तलाश में एक देश से दूसरे देश जा रहे हैं। तेजी से वृद्धि दर्ज कर रहे विकासशील देश अब दुनिया के दूसरे विकासशील देशों के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।
विश्व बैंक की रपट में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय प्रवासी इस साल अपने परिवारों को अपने गृहदेश में 601 अरब डॉलर भेजेंगे और इसमें विकासशील देशों को 441 अरब डॉलर मिलेंगे। रपट में कहा गया कि विकास सहायता के लगभग तीन गुना राशि का अंतरराष्ट्रीय प्रवासी मनीआर्डर विकासशील देशों के करोड़ों परिवारों के लिए जीवन रेखा है। इसके अतिरिक्त प्रवासियों के पास 500 अरब डॉलर की सालाना बचत होती है।
विश्व बैंक की देशांतर और धनप्रेषण तथ्य-पुस्तिका-2016 के सह-लेखक, दिलीप रथ ने कहा, विदेशों से धन प्रेषण और प्रवासियों की बचत दोनों मिलकर विकास परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण का उल्लेखनीय स्रोत हैं जिससे विकासशील देशों में जीवन और आजीविका में सुधार हो सकता है। प्रवासियों के लिए शीर्ष 10 गंतव्यों में अमेरिका, सउदी अरब, जर्मनी, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, स्पेन और आस्ट्रेलिया प्रमुख रूप से शामिल हैं। जिन देशों से ज्यादा लोग विदेशों में जाते हैं ऐसे 10 अग्रणी देशों में भारत, रूस, मेक्सिको, चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, फिलिपीन, अफगानिस्ता, यूक्रेन और ब्रिटेन शामिल हैं। मेक्सिको-अमेरिका विश्व का सबसे बड़ा प्रवासी गलियारा है जहां 2013 में 1.3 करोड़ प्रवासी पहुंचे।