यूक्रेन संकट: गोलियों का शिकार हुए भारतीय ने मांगी मदद, कहा- मौत के बाद विमान भेजने का कोई फायदा नहीं होगा
यूक्रेन में रूस के हमले से हालात गंभीर बने हुए हैं। यहां कई भारतीय नागरिक भी फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने का अभियान चलाया जा रहा है और कई को निकाल भी लिया गया है। लेकिन, अभी भी कुछ लोग यहां फंसे हुए हैं और उन्हें किसी से मदद भी नहीं मिल पा रही है।
ऐसे ही एक भारतीय नागरिक हैं हरजोत सिंह। हरजोत के साथ समस्याएं अधिक हैं क्योंकि वह वहां गोलीबारी का शिकार हो गए हैं और वह बुरी तरह घायल हो गए हैं। उनका यूक्रेन की राजधानी कीव के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए भारतीय दूतावास की ओर से कोई मदद न मिलने की बात कही है। हरजोत सिंह ने कहा, 'मैं भारतीय दूतावास से संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं, रोज वह कहते हैं कि कुछ करेंगे, लेकिन अब तक कोई मदद नहीं मिल पाई है।'
हरजोत सिंह ने बताया कि वह गोलीबारी का शिकार 27 फरवरी को हुए थे। उन्होंने कहा कि हम तीन लोग एक कैब में थे और अपने तीसरे चेकप्वाइंट की ओर जा रहे थे। यहां पहुंचने पर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए हमें वापस लौटने के लिए कह दिया गया।
उन्होंने आगे कहा कि चेकप्वाइंट से वापस लौटते समय हम पर कई गोलियां चलाई गईं। मुझे गोलियां लगीं और मैं बेहोश हो गया और इसके बाद मुझे दो तारीख को अस्पताल में होश आया। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने मुझे बताया कि मैं 3-4 घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा था। मेरा काफी खून बह गया था। अब मेरी तबीयत पहले से काफी अच्छी है।
हरजोत सिंह ने कहा, 'मौत के बाद अगर आप चार्टर्ड विमान भी भेज देंगे को उसका कोई फायदा नहीं होगा। भगवान ने मुझे दूसरा मौका दिया है और मैं इसे जीना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि मैंने दूतावास से अनुरोध किया है कि मुझे यहां से निकाला जाए, मुझे व्हीलचेयर जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, दस्तावेजों के काम में मेरी मदद की जाए।'