Advertisement
22 November 2019

संयुक्त राष्ट्र सुलझाए दलाई लामा के उत्तराधिकारी का मसला, चीन का दावा अमेरिका को नामंजूर

84 वर्षीय तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर निर्णय के लिए चीन के दावे को खारिज करते हुए अमेरिका ने कहा है कि इस मामले को संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों को अपने हाथ में लेना चाहिए। दलाई लामा के उत्ताधिकारी पर निर्णय के मामले में चीन किसी भी अंतरराष्ट्रीय दखल का लगातार विरोध कर रहा है। उत्तराधिकारी पर फैसले पर उसकी सहमति जरूरी है।

दलाई लामा के अनुयायी पूरी दुनिया में

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी राजदूत सैमुअल ब्राउनबैक ने वाशिंगटन में एक न्यूज कांफ्रेंस में कहा कि बहुत से लोग है जो दलाई लामा के अनुयायी है। वे चीन में नहीं रहते हैं। दलाई लामा पूरी दुनिया में विख्यात अध्यात्मिक नेता हैं। वह सम्मान के अधिकारी हैं और उत्तराधिकार की प्रक्रिया उनके अनुयायियों द्वारा की जानी चाहिए।

Advertisement

हाल में धर्मशाला आए थे अमेरिकी राजदूत

चीन के दावे को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐसा मुद्दा है जिसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा सुलझाया जाना चाहिए। अमेरिका इस पर जोर देता रहेगा। ब्राउनबैक हाल में धर्मशाला के दौरे पर आए थे और वहां तिब्बती समुदाय को संबोधित किया था।

चीन दलाई लामा पर विखंडन तिब्बत की आजादी के लिए काम करने का आरोप लगाता है। वर्तमान 14वें दलाई लामा 1959 में भागकर भारत आ गए थे, जब चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया। वह तभी से धर्मशाला में रह रहे हैं।

वर्तमान दलाई लामा से अत्यंत प्रभावित

ब्राउनबैक ने कहा कि दलाई लामा पहले काफी यात्राएं करते थे और बहुत प्रभावशाली भाषण देते थे। वह उनसे कई बार मिले जब वह अमेरिका आए। वह ऊर्जावान, जीवंत और स्पष्टवादी हैं। लेकिन अब वह पहले की तरह यात्राएं नहीं कर पाते हैं। वह तमाम कार्यों में उतने सक्रिय नहीं रह पाते हैं जितने पहले होते थे।

धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अंतरराष्ट्रीय दखल जरूरी

उन्होंने कहा कि अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगे आना चाहिए और उनके कार्यों को आगे बढ़ाना चाहिए और उनके लिए काम करना चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को दलाई लामा के उत्तराधिकारी का मसला अपने हाथ में लेना चाहिए। दूसरे अंतरराष्ट्रीय संगठनों, यूरोप और दूसरे देशों को भी आगे आना चाहिए। खासकर यूरोपीय सरकारों को आगे आना चाहिए और धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए काम करना चाहिए।

चीन सरकार नहीं, अनुयायियों को अधिकार

चीन की भूमिका पर उन्होंने कहा कि वे यह काम कर सकते हैं और इसके लिए इच्छुक भी हैं। उन्होंने पंचेन लामा के मामले भी किया था। चीन ने पंचेन लामा का अपहरण कर लिया। अब कोई जानकारी नहीं है कि वे जिंदा भी हैं या नहीं। अगर दलाई लामा पर भी फैसला करने की दिलचस्पी होना कोई आश्चर्यजनक नहीं है लेकिन दलाई लामा के उत्तराधिकारी का फैसला करना तिब्बती बौद्धों का अधिकार है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अथवा किसी सरकार का यह काम नहीं है।   

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Dalai Lama, UN, US, tibet, buddhists, Samuel Brownback
OUTLOOK 22 November, 2019
Advertisement