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27 April 2016

उत्तर कोरिया के भड़काउ कदमों से बढ़ी अमेरिका की चिंंता

गूगल

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने बताया, हमने उन भड़काउ कृत्यों पर अपनी गहरी चिंता जाहिर की है। हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसी के अनुरूप जवाब देने के लिए तैयार किया है। उन्होंने कहा, इस साल की शुरूआत में, संयुक्त राष्ट्र से मिली प्रतिक्रिया ने वास्तव में उत्तर कोरिया के खिलाफ दूरगामी प्रतिबंध लगा दिए। इन प्रतिबंधों के जरिये उनकी अर्थव्यवस्था के ऐसे विशेष तत्वों को लक्षित किया गया था, जो इन अवैध गतिविधियों के वित्त पोषण के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। उन्होंने कहा, हम उत्तर कोरियाई शासन पर दबाव बढ़ाना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका चीनी सरकार के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगी। दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में चीनी सरकार उत्तर कोरियाई सरकार पर ज्यादा प्रभाव रखती है।

 

अर्नेस्ट ने कहा, और हम यह स्पष्ट करना भी जारी रखेंगे कि उत्तर कोरिया के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वापस जुड़ने का रास्ता ऐसा है, जिसके तहत उसे कोरियाई प्रायद्वीप का परमाणु निरस्त्रीकरण करना होगा और अपने अंतरराष्ट्रीय कर्तव्यों का पालन करना होगा। उत्तर कोरियाई मिसाइल परीक्षण से आने वाले संभावित खतरे पर अर्नेस्ट ने कहा कि अमेरिका ने एशिया को केंद्र मानते हुए एशिया-प्रशांत में नौसैन्य संपत्ति तैनात कर दी है और साथ ही विश्व के उस क्षेत्र में बैलिस्टिक मिसाइलों से निपटने की अपनी क्षमता भी बढ़ा ली है। पिछले कुछ साल में, जापान और गुआम जैसे स्थानों पर उपकरणों की तैनाती की गई है। ये अमेरिका और उसके सहयोगियों को बैलिस्टिक मिसाइलों से सुरक्षित रखने में प्रभावी साबित हो सकते हैं। उत्तर कोरिया ने जनवरी में चौथा परमाणु परीक्षण किया था। फरवरी में उसने लंबी दूरी के रॉकेट का प्रक्षेपण किया था और इसके बाद उसपर संयुक्त राष्ट्र ने कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे।

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TAGS: उत्तर कोरिया, अमेरिका, परमाणु परीक्षण, भड़काउ कृत्य, अलग-थलग, अंतरराष्ट्रीय कर्तव्य, दबाव, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, व्हाइट हाउस, प्रेस सचिव, जोश अर्नेस्ट, गहरी चिंता, अंतरराष्ट्रीय समुदाय, मिसाइल, नौसैन्य पोत
OUTLOOK 27 April, 2016
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