Advertisement
11 June 2016

एनएसजी की राह, विएना में कुछ नहीं हुआ, सियोल में 24 जून को होगा फैसला

google

भारत की सदस्‍यता का विरोध कर रहे चीन का कहना है कि एनएसजी को नए आवेदकों के लिए विशिष्ट शर्तों में ढील नहीं देनी चाहिए। एनएसजी संवेदनशील परमाणु प्रौद्योगिकी तक पहुंच को नियंत्रित करता है। परमाणु अप्रसार संधि :एनपीटी: पर भारत की ओर से दस्तखत न किए जाने को आधार बनाकर उसकी दावेदारी का विरोध करने वाले कई देशों ने तो अब अपना रुख नरम किया है और समझौता करने के लिए तैयार हैं।

विएना में हुई बैठक में चीन ने सीधे तौर पर तो भारत की सदस्यता का विरोध नहीं किया, लेकिन इसे एनपीटी पर दस्तखत न करने से जोड़ा। एनएसजी आम राय के आधार पर काम करती है और भारत के खिलाफ किसी एक देश का वोट भी उसकी दावेदारी में रोड़े अटका सकता है। 48 देशों के समूह एनएसजी में चीन के अलावा न्यूजीलैंड, आयरलैंड, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रिया भी भारत की दावेदारी के विरोध में हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: एनएसजी, भारत, चीन, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, विएना, सियोल, seoul, india, viena, china, nsg, south africa, turkey
OUTLOOK 11 June, 2016
Advertisement