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13 March 2019

इस एयरप्लेन से डरे दुनिया के 40 देश, जानिए क्यों बन गया है 'मौत की उड़ान'

पांच महीने में बोइंग 737 मैक्स-8 मॉडल का दूसरा विमान क्रैश होने के बाद दुनिया भर के एयरलाइंस में हड़कंप मच गया है। भारत सहित 40 से अधिक देशों ने इनकी उड़ानों पर रोक लगा दी है। रविवार सुबह इथियोपियन एयरलाइंस का बोइंग 737 मैक्स-8 विमान उड़ान भरने के करीब छह मिनट बाद ही इथियोपिया में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे के वक्त विमान में सवार चार भारतीय समेत 157 लोगों की मौत हो गई। विमान क्रैश होने के कारणों की जांच की जा रही है। लेकिन अब मैक्स 8 विमान की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

इस हवाई दुर्घटना के मद्देनजर मंगलवार को बोइंग 737 मैक्स 8 विमान को भारत ने प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं विश्व के कई अन्य देशों ने भी इस तरह का कदम उठाया है। यूरोपीय संघ के कई देशों के अलावा चीन, ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको, ब्राजील, अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, इथोपिया, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, सिंगापुर, वियतनाम, ओमान, मोरक्को, मंगोलिया और दक्षिण कोरिया ने उड़ान पर रोक लगाई।

पांच महीने में दूसरी बार क्रैश हुआ बोइंग 737, अब तक गई 346 लोगों की जान

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बीते साल 29 अक्टूबर को जकार्ता से उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही लायन एयरलाइन के मैक्स 8 विमान ने जावा समुद्र में नियंत्रण खो दिया और क्रैश हो गया। वहीं रविवार को इथियोपिया एयरलाइंस का बोइंग 737 विमान राजधानी अदीस अबाबा से नैरोबी के लिए उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दोनों हादसों में 346 लोगों की जान चली गई। लायन एयर के बोइंग विमान में 189 लोग सवार थे और इथियोपियन एयरलाइन के बोइंग विमान में 157 लोग सवार थे।

बाजार में आते ही हुआ था लोकप्रिय

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक बोइंग 737 मैक्स-8 विमान 2017 में विमानन बाजार में सामने आया था। बाजार में आते ही एयरलाइन्स कंपनियों के बीच ये विमान इतना लोकप्रिय हुआ कि शुरू के छह महीनों में ही कंपनी को इसी मॉडल के 4000 विमानों के ऑर्डर मिल चुके थे। ये बोइंग का अब तक का सबसे तेजी से बिकने वाला (बेस्ट सेलिंग) विमान है। वर्तमान में कंपनी के पास इस विमान के 5000 से ज्यादा ऑर्डर हैं।

ये है खासियत

बोइंग 737 मैक्स के चार मॉडल हैं। 737 मैक्स 8 में 210 यात्री बैठ सकते हैं और यह 6,570 किलोमीटर का सफर कर सकता है। 737 मैक्स के पंखों की डिजाइनिंग के लिए नई तकनीक का उपयोग किया गया है। इसमें इंधन कम खर्च होता है। यात्रियों के लिए भी यह सुविधाजनक है। उनको सफर के दौरान ज्यादा झटके महसूस नहीं होते हैं।

इस विमान में पायलटों के लिए काफी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। बोइंग की नई डिस्पले टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया गया है। 15 ईंच की बड़ी स्क्रीन लगाई गई है जिससे पायलटों को कम मेहनत में ज्यादा सूचना मिल जाती है। इसका इंजन बड़ा होने के बाद भी इसमें ईंधन के मामले में एयरलाइंस कंपनियों के लिए काफी किफायती विमान है। इसलिए ये विमान बहुत जल्दी लोकप्रिय हो गया।

विमान में क्या है समस्या?

बोइंग में समस्या की बात करें तो इसके इंजन, सॉफ्टवेयर में परेशानी के साथ-साथ पायलटों के बीच प्रशिक्षण का अभाव है। इसके इंजन में दिक्कत के कारण कई बार जहाज की गति खुद से कम हो जाती है और जहाज बंद हो जाता है। इस समस्या से निपटने के लिए बोइंग ने मैनोवरिंग कैरेक्टरस्टीक ऑगमेनटेशन सिस्टम (एमसीएएस)  नाम का एक सॉफ्टवेयर इसमें लगाया है। लेकिन इस सॉफ्टवेयर में भी दिक्कत है और कई बार गलत निर्देश देता है। दुनिया भर में कुछ पायलटों को ही बी737 मैक्स के सिम्युलेटर पर प्रशिक्षण दिया गया है। पायलटों की बड़ी संख्या ऐसी है जिनको प्रशिक्षण नहीं दिया गया है।

-बोइंग के नए 737 मैक्स मॉडल में मैनोवरिंग कैरेक्टरस्टीक ऑगमेनटेशन सिस्टम (एमसीएएस) लगा है। जो विमान को आपातकाल के समय सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है। यदि ऊंचाई पर किसी तकनीकी खराबी की वजह से खतरा महसूस हो तो इसी सिस्टम की सहायता से विमान को धीरे-धीरे नीचे लाने में मदद मिलती है। वहीं अगर विमान खतरा होने के बावजूद भी ऊंचाई में ही उड़ता रहा और ये सिस्टम ठीक से काम ना करे तो दुर्घटना हो सकती है। लेकिन इस सिस्टम के काम ना करने की स्थिति में विमान तेजी से जमीन की ओर आकर गिर जाता है।

-लायन एयर विमान के एंगल-इन-अटैक सेंसर में परेशानी थी।  इंडोनेशिया में क्रैश हुए लायन एयर के विमान के 'ब्लैक बॉक्स' डाटा रिकॉर्डर से पता चला कि क्रैश विमान के एयरस्पीड इंडीकेटर में पिछली चार उड़ानों से खराबी थी।

-विमान की पिछली उड़ान के टेकनिकल लॉग से पता चला कि कप्तान के पास मौजूद एयरस्पीडिंग उपकरण में खराबी थी। वहीं पायलट और कोपायलट के पास मौजूद विमान की ऊंचाई के उपकरण भी अलग अलग आंकड़े बता रहे थे। जिससे विमान कितनी ऊंचाई पर है ये बात स्पष्ट नहीं हो पा रही थी। जिसके बाद चालक दल ने जकार्ता वापस जाने का फैसला लिया।

भारत में बोइंग

भारत में स्पाइस जेट और जेट एयरवेज बोइंग के 737 मैक्स मॉडल का इस्तेमाल करती हैं। स्पाइस जेट के पास करीब 12 ऐसे विमान हैं, जबकि जेट एयरवेज के पास ऐसे पांच विमान हैं। हालांकि इस दुर्घटना के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सभी बोइंग 737 मैक्स विमानों को ग्राउंडेड करने के लिए कहा है।

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OUTLOOK 13 March, 2019
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