कौन हैं जस्टिस दलवीर भंडारी, जिन्होंने आईसीजे में किया रूस के खिलाफ वोट, जानें इनके बारे में
पिछले 22 दिनों से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। एक ओर दोनों देश वार्ता कर रहे हैं तो दूसरी ओर मारियुपोल में बम बरस रहे हैं। रूसी कार्रवाई को रोकने के लिए यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। बुधवार को आईसीजे ने इस पर यूक्रेन के पक्ष में फैसला सुनाया और रूस को अपनी सैन्य कार्रवाई तत्काल रोकने का आदेश दिया।
जस्टिस भंडारी लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत आईसीजे में पदस्थ हैं। वे निष्पक्ष व बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं। अदालत ने अपना फैसला 13-2 के बहुमत के साथ सुनाया। इसका मतलब है आईसीजे में रूस के खिलाफ 13 जजों ने मतदान किया जबकि पक्ष में केवल दो ने मतदान किया। इन 13 जजों में न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी भी शामिल थे। न्यायाधीश जिन्होंने रूस के पक्ष में मतदान किया वे थे किरिल गेवोर्गियन (रूस) और न्यायाधीश सू हनकिन (चीन)।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दलवीर भंडारी का रूस के खिलाफ मतदान इसलिए चर्चा में है क्योंकि अब तक भारत ने पूरे मामले पर तटस्थता बरकरार रखी हुई है। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में रूस के समर्थन में वोट करने वाले सिर्फ दो जज रूस और चीन से थे। भारत सरकार के सहयोग के बाद दलवीर भंडारी आईसीजे के जज बने हैं। रूस-यूक्रेन मामले पर उनका मत भारत सरकार से ठीक विपरीत है। रूस से संबंधों और यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के चलते भारत यूएन में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग से खुद को अलग कर चुका है।
भारत ने कहा है कि रूस और यूक्रेन शांति और वार्ता से इस विवाद को हल करें। बुधवार को अपने फैसले में आईसीजे ने कहा कि वह यूक्रेन में रूस के बल प्रयोग पर बेहद चिंतित है और उसे यूक्रेन की मानव त्रासदी के बारे में पूरी जानकारी है। अदालत ने रूस को अपनी कार्रवाई तुरंत रोकने का आदेश देते हुए कहा कि रूस की तरफ से कोई भी पक्ष इसमें दखल न दे और कोर्ट का जो भी फैसला होगा वह सभी के लिए बाध्यकारी होगा।