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31 December 2021

अलविदा 2021: जानिए, इस साल के उन 5 ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शनों के बारे में जिसने हिला दी थी पूरी दुनिया

2021 दुनिया भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का साल रहा है। ये पूरा साल अशांति के नाम रहा, जिसमें कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी देखा गया। ये विरोध प्रदर्शन साल की शुरुआत में यूएस कैपिटल में दंगे से शुरू होकर, भारत में किसान के विरोध आंदोलन पर आकर खत्म हो हुआ।

2021 ने भारत में भीषण तबाही लाई कोरोना की दूसरी लहर, दुनिया में जगह-जगह पर क्रूर लॉकडाउन और देशों के ऊपर पड़े प्रतिकूल आर्थिक प्रभावों से लिए भी जाना जाएगा।

आर्थिक प्रतिकूलता इस साल का मुख्य विषय तो था ही लेकिन, लोकतंत्र से संबंधित मुद्दें भी पूरे साल वैश्विक दुनिया का केंद्रीय बिंदु रहा है।

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आइये जानते हैं इस साल घटी कुछ ऐसी बड़ी घटनाओं  के बारे में जिसका नागरिक संघर्षों के इतिहास में एक खास स्थान रहेगा।

1. भारत में किसान आन्दोलन-

दिसंबर 2020 से, भारत में किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा बनाये तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध मोदी सरकार का जमकर-विरोध प्रदर्शन किया। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में संशोधन लाना था। नवंबर-दिसंबर 2021 में ये आंदोलन खत्म हो गया, लेकिन पूरे 2021 में किसान आंदोलन दिल्ली के टिकरी और सिंधु की सीमाओं पर जारी था। कड़ाके की ठंड और भीषण गर्मी के बीच जब पूरी दुनिया अपने घरों या अस्पतालों में सिमटी हुई थी, तब दूसरी लहर से जूझते हुए किसान अपनी मांगों को पूरा करने पर दिल्ली बॉर्डर पर अड़े रहे। हज़ारों रैलियों और सरकार पर देश भर से बढ़ते दबाव के कारण मोदी सरकार ने आखिरकार उनकी मांगों को मान लिया और नवंबर में कृषि कानूनों को निरस्त करने पर सहमत हो गई। अंतत: दिसंबर में धरना समाप्त कर दिया गया।

2. इसराइल और फ़िलिस्तीनी विवाद

मई 2021 में इज़राइल और फ़िलिस्तीनी बलों के बीच भड़की एक लो इंटेंसिटी वार भी इस साल की बड़ी खबर रही। इसका नतीजा ये हुआ कि शेख जर्राह में अपने-अपने घरों से लगभग 70 लोग विस्थापित हो गए। मई में शेख जर्रा में टेंपल माउंट के सामने इजरायली पुलिस और फिलिस्तीनियों के बीच हिंसक झड़प हुआ, जिसमें लगभग 250 से अधिक फलीस्तीनी और एक दर्जन इजराइली घायल हुए। ये मामला इतना बढ़ गया था कि दोनों तरफ से एक दूसरे के ऊपर रॉकेट लॉन्चर की बौछारें भी की गई थी।

3. यूएस कैपिटल दंगा

2021 की शुरुवात 6 जनवरी को यूएस कैपिटल हिल पर भीड़ के हमले की घटना के साथ शुरू हुआ। ये घटना जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण हुई। हमला इतना हिंसक था कि कैपिटल हिल के अंदर करोड़ों का नुकसान हुआ। इस हमले के दौरान लगभग पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि 140 से लोग घायल भी हुए। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) और अन्य अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इस घटना को घरेलू आतंकवाद के कृत्य के रूप में माना। ट्रम्प पर डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाली प्रतिनिधि सभा द्वारा "विद्रोह को उकसाने" के लिए महाभियोग लगाया गया था, क्योंकि हमले से पहले उनके भाषण को हिंसा भड़काने के तरीके के रूप में देखा गया था।

4. सूडानी विद्रोह

5 अक्टूबर को, सूडानी सेना ने सैन्य तख्तापलट कर वहां के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक को हिरासत में ले लिया। इस तख्तापलट को कई लोगों नें लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला माना और इसके विरुद्ध पूरे दिसंबर तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा। तख्तापलट का विरोध कर रहे समूहों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष में कम से कम 45-50 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। वैसे नवंबर महीने में ही हमदोक को बहाल कर दिया गया था, हालांकि, नागरिक शासन की मांगों पर विरोध प्रदर्शन फिर भी जारी रहा था। अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, हमदोक और उसकी पत्नी की रिहाई तब हुई, जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस तख्तापलट की कड़ी निंदा करनी शुरू कर दी।

5. म्यांमार प्रोटेस्ट

राजनीतिक नेता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सूकी चुनाव जीत कर सत्ता पर काबिज हुई लेकिन सेना को ये बात रास नहीं आई। 1 फरवरी को सेना ने आंग सान को हिरासत में ले लिया, जिसके बाद से म्यांमार की सड़कों पर पूरे साल रैलियों और विरोध प्रदर्शनों की बाढ़ आ गई।

जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने देश की सड़कों पर धावा बोला, मार्च में सेना ने नागरिकों पर गोलियां चलाईं, जिसमें बच्चों, महिलाओं सहित 100 से अधिक लोग मारे गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल दिसंबर के मध्य तक नागरिकों की मौत का आंकड़ा 1,300 तक पहुंच गया। सितंबर में, देश में एक सशस्त्र विद्रोह की घोषणा की गई थी। दिसंबर में, आंग सान सू की को दो आरोपों में दोषी ठहराया गया था और चार साल की सजा दी गई थी, जिसे जल्दी से आधा कर दिया गया। इस घटना की विदेशी मीडिया में व्यापक रूप से चर्चा हुई और इसकी निंदा भी की गई।



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TAGS: Anti Government Protest, Capital Hill mob attack, Farmers protest, Mayanmar, Sudan, Israel and Palestine, Year 2021
OUTLOOK 31 December, 2021
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