बांग्लादेश से बेदख़ल प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और छह अन्य के खिलाफ पिछले महीने की हिंसक झड़पों के दौरान एक किराने की दुकान के मालिक की मौत पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है, जिसके कारण उनकी सरकार गिर गई थी।
मीडिया रिपोर्टों में मंगलवार को यह कहा गया। बता दें कि विवादास्पद नौकरी कोटा प्रणाली को लेकर अपनी अवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद पिछले हफ्ते इस्तीफा देने और भारत भाग जाने के बाद 76 वर्षीय हसीना के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला किराने की दुकान के मालिक अबू सईद के एक शुभचिंतक द्वारा दायर किया गया था, जो 19 जुलाई को मोहम्मदपुर में कोटा सुधार आंदोलन के समर्थन में एक जुलूस के दौरान पुलिस गोलीबारी में मारा गया था।
अन्य आरोपियों में अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल मामून शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अलावा, कई अज्ञात उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों को भी मामले में आरोपी बनाया गया था।
बांग्लादेश में 5 अगस्त को हसीना सरकार के पतन के बाद देश भर में भड़की हिंसा की घटनाओं में 230 से अधिक लोग मारे गए, जुलाई के मध्य में पहली बार कोटा विरोधी प्रदर्शन शुरू होने के बाद से मरने वालों की संख्या 560 हो गई है।
हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया था और इसके मुख्य सलाहकार, 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने पिछले सप्ताह अपने 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद के विभागों की घोषणा की थी।
द डेली स्टार अखबार के अनुसार, सोमवार को अवामी लीग की कट्टर प्रतिद्वंद्वी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) सहित सात राजनीतिक दलों ने यूनुस से अलग-अलग मुलाकात की और कहा कि अंतरिम सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए आवश्यक समय ले सकती है।
रिपोर्ट में बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर के हवाले से कहा गया है, "हमने इस अंतरिम सरकार को चुनाव कराने के लिए उचित माहौल बनाने के लिए आवश्यक समय दिया है।"
उन्होंने कहा कि उन्होंने चुनाव पर चर्चा नहीं की और बीएनपी ने अगला चुनाव कराने के लिए किसी विशिष्ट समय सीमा का उल्लेख नहीं किया। उन्होंने कहा, "बीएनपी अंतरिम सरकार की सभी गतिविधियों को अपना पूरा समर्थन दे रही है।"
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी ने यूनुस से अपने नेताओं के खिलाफ सभी मामले वापस लेने का आग्रह किया, जिसमें पार्टी अध्यक्ष खालिदा जिया और कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान के खिलाफ मामले भी शामिल हैं।
हसीना के सत्ता से हटने के बाद 79 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री जिया को जेल से रिहा कर दिया गया। उन्हें 2018 में भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।