संयुक्त राष्ट्र महासभा में इमरान खान ने अलापा ‘कश्मीर राग’, भारत का पलटवार, कहा- अवैध कब्जे तुरंत खाली करे पाकिस्तान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के बाद भारत ने तीखा जवाब दिया है। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर फिर से कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तान को भारत ने राइट टू रिप्लाई के तहत मुंहतोड़ जवाब दिया है और कहा कि संयुक्त राष्ट्र मंच का पाकिस्तान ने हमेशा गलत इस्तेमाल किया है। भारत ने आतंकवाद के बहाने पाकिस्तान पर निशाना साधा और टेरर को प्रश्रय देने के पाकिस्तान का पूरा इतिहास दुनिया के सामने खोल दिया। भारत ने कहा कि ये लोग आतंकी ओसामा बिन लादेन को शहीद कहते हैं। भारत ने दुनिया को बताया कि अपने यहां की स्थिति से ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तान सार्वजनिक मंच से भारत के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार फैला रहा है।
प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के नेता द्वारा भारत के आंतरिक मामलों को लाकर और विश्व मंच पर झूठ को उगलने के लिए इस प्रतिष्ठित मंच की छवि खराब करने का प्रयास किया गया है। उनके इस प्रयास पर हमने अपने राइट टू रिप्लाई का प्रयोग किया है।
स्नेहा दुबे ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं और रहेंगे। पाकिस्तान ने इसमें कुछ क्षेत्रों पर अवैध कब्जा कर रखा है। हम पाकिस्तान से उसके अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंज खाली करने की मांग करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करने के दौरान कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए पाकिस्तानी नेता की आलोचना करते हुए युवा भारतीय राजनयिक ने कहा कि लगातार झूठ बोलने की ऐसे मानसिकता वाले बगयान सामूहिक सहानुभूती और अवमानना के पात्र हैं।
यूएनजीए में भारत ने कहा कि ओसामा बिल लादेन को पाकिस्तान में शरण मिली थी। आज भी पाकिस्तान में लादेन को शहीद बताया जाता है और उसका महिमामंडन किया जाता है।
दुबे ने कहा, "हम सुनते रहते हैं कि पाकिस्तान 'आतंकवाद का शिकार' है। ये वो देश है जो खुद को अग्निशामक का वेश बनाकर आगजनी करने वाला देश है। पाकिस्तान अपने पिछवाड़े में आतंकवादियों को इस उम्मीद में पालता है कि वे केवल अपने पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाएंगे। हमारे क्षेत्र और वास्तव में पूरी दुनिया को उनकी नीतियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है। दूसरी ओर, वे अपने देश में सांप्रदायिक हिंसा को आतंक के कृत्यों के रूप में छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।"
दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के साथ-साथ पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत पर भारत सरकार के 5 अगस्त, 2019 के फैसले के बारे में बात की थी।