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07 May 2025

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद कांपा पाकिस्तान, अपनी सेना को दी जवाबी कार्रवाई की मंजूरी

पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने बुधवार को कहा कि देश के सशस्त्र बलों को भारतीय सैन्य हमलों में निर्दोष पाकिस्तानी लोगों की जान जाने का बदला लेने के लिए "अपनी पसंद के समय, स्थान और तरीके से" जवाबी कार्रवाई करने के लिए विधिवत अधिकार दिया गया है।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें स्थिति पर चर्चा करने के लिए कैबिनेट मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, सभी सेवाओं के प्रमुखों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए।

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एनएससी के एक बयान में चेतावनी दी गई कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद-51 के अनुरूप, पाकिस्तान को भारतीय हमलों में निर्दोष पाकिस्तानी लोगों की जान जाने का बदला लेने के लिए, "अपनी पसंद के समय, स्थान और तरीके से" आत्मरक्षा में जवाब देने का अधिकार है।

एनएससी के बयान में कहा गया है, "पाकिस्तान के सशस्त्र बलों को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है।"

शरीफ कैबिनेट की बैठक करेंगे और संसद में अपने संबोधन के माध्यम से राष्ट्र के साथ विवरण साझा करेंगे।

बयान में कहा गया कि एनएससी की बैठक में इस हमले को भारत की "अकारण" और "युद्ध की गैरकानूनी कार्रवाई" बताया गया और कहा गया कि एनएससी "स्पष्ट रूप से निंदा करती है" और इसे पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का घोर उल्लंघन करार दिया, "जो स्पष्ट रूप से अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत युद्ध की कार्रवाई है।"

इसमें कहा गया है, "भारतीय सेना द्वारा निर्दोष महिलाओं और बच्चों सहित नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाना एक जघन्य और शर्मनाक अपराध है, जो मानव व्यवहार के सभी मानदंडों और अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रावधानों का उल्लंघन है।"

बयान में कहा गया कि एनएससी ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भारत की "अकारण की गई अवैध कार्रवाइयों की गंभीरता" को स्वीकार करने तथा अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों और कानूनों के उसके द्वारा किए गए घोर उल्लंघन के लिए उसे जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया।

बयान में आगे कहा गया है कि भारतीय हमले में "काल्पनिक आतंकवादी शिविरों की मौजूदगी के झूठे बहाने" पर जानबूझकर नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, जिसके परिणामस्वरूप निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई और मस्जिदों सहित नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा।

एनएससी के बयान में आगे दावा किया गया कि भारत के हमलों से खाड़ी देशों की वाणिज्यिक एयरलाइनों को भी गंभीर खतरा पैदा हो गया है, जिससे विमान में सवार हजारों यात्रियों की जान को खतरा हो गया है।

इसके अलावा, नीलम-झेलम जलविद्युत परियोजना को भी अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन करते हुए जानबूझकर निशाना बनाया गया।

एनएससी की बैठक समाप्त होने के बाद यह घोषणा की गई कि शरीफ दोपहर 3:30 बजे कैबिनेट की बैठक करेंगे, जिसमें घटनाक्रम पर आगे चर्चा की जाएगी। अधिकारियों ने बताया, "बाद में वह संसद में अपने संबोधन के माध्यम से देश के साथ चल रहे तनाव के बारे में लिए गए निर्णयों को साझा करेंगे।"

इससे पहले, पाकिस्तानी सेना ने कहा था कि पंजाब प्रांत और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के शहरों पर मध्य रात्रि के तुरंत बाद किए गए भारतीय हमलों में कम से कम 26 लोग मारे गए और 46 घायल हो गए।

ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में शुरू किया गया था जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस भयावह हमले के लिए "सीमा पार से संबंध" का हवाला देते हुए भारत ने हमले में शामिल लोगों को कड़ी सज़ा देने का वादा किया है।

एनएससी के बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने अपने क्षेत्र में आतंकवादी शिविरों की मौजूदगी का दावा करने वाले भारतीय आरोपों को जोरदार तरीके से खारिज कर दिया है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने 22 अप्रैल के हमलों में एक विश्वसनीय, पारदर्शी और तटस्थ जांच के लिए ईमानदारी से प्रस्ताव दिया था, जिसे "दुर्भाग्य से स्वीकार नहीं किया गया।" 

बयान में कहा गया है कि अपने निर्दोष लोगों पर हमला करना "न तो बर्दाश्त करने योग्य है और न ही पाकिस्तान को स्वीकार्य है" और दावा किया कि, "भारत ने सभी विवेक और तर्क के विपरीत, एक बार फिर क्षेत्र में आग भड़का दी है, जिसके परिणामों की जिम्मेदारी पूरी तरह से भारत पर होगी।"

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TAGS: India vs Pakistan, Operation sindoor, pm shehbaz sharif, pm narendra modi
OUTLOOK 07 May, 2025
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