एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना रहेगा पाकिस्तान, शर्तें लागू करने में रहा नाकाम
पाकिस्तान को एक बार फिर से जोर का झटका लगा है। धनशोधन एवं आतंकी वित्तपोषण की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को 'ग्रे सूची' में ही रखा है। एफएटीएफ ने इस्लामाबाद से कहा है कि वो वित्तीय प्रणाली में शेष कमियों को जल्द से जल्द दूर करे।
आपको बता दें कि 2018 से टेरर फंडिंग से जुड़ी शर्तों को पूरा न करने के कारण पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में शामिल है। समाचार पत्र ‘द डॉन’ की खबर के मुताबिक, कार्य योजना के 34 में से 32 बिंदुओं को पूरा करने के बावजूद एफएटीएफ की पूरक बैठक के शुक्रवार को हुए समापन सत्र में पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में ही रखने का फैसला किया गया है।
हालांकि, वित्तीय अपराधों से लड़ने के लिए अपनी वैश्विक प्रतिबद्धताओं के कारण पाकिस्तान को मजबूत कार्यक्रम के लिए एफएटीएफ की पूरक बैठक में सराहना भी की हैं।
एफएटीएफ ने यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने धनशोधन पर एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) के सात कार्य योजनाओं के ऊपर कार्य किया है लेकिन इसके क्रियान्वयन में गंभीर कमियां पाई थीं।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा कि उसे जल्द से जल्द आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच के मामलों में संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के आतंकवादियों और कमांडरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।