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19 September 2024

संयुक्त राष्ट्र महासभा में फलस्तीन लाया ये प्रस्ताव, मतदान से भारत अनुपस्थित रहा

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में उस प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जिसमें इजराइल से एक साल के भीतर कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में उसकी अवैध उपस्थिति समाप्त करने की मांग की गई।

भारत ने इस बात पर जोर दिया कि वह ‘‘बातचीत और कूटनीति’’ का प्रबल समर्थक है और ‘‘विभाजन को बढ़ाने के बजाय’’ ‘सेतु बनाने’’ का प्रयास किया जाना चाहिए।

इस संबंध में 193 सदस्यीय महासभा ने बुधवार को प्रस्ताव को पारित कर दिया, जिसके पक्ष में 124 देशों ने, विरोध में 14 देशों ने मतदान किया और भारत समेत 43 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

यूएनजीए में ‘पूर्वी यरुशलम सहित कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में इजराइल की नीतियों और कार्यों तथा कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में इजराइल की निरंतर अवैध मौजूदगी से उत्पन्न कानूनी परिणामों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की राय’ शीर्षक से प्रस्ताव पारित किया गया।
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जिन देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया, उनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इटली, नेपाल, यूक्रेन और ब्रिटेन शामिल हैं। इजराइल और अमेरिका ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।

प्रस्ताव पर मतदान के संदर्भ में टिप्पणी करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने इजराइल-फलस्तीन मुद्दे का न्यायसंगत, शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान प्राप्त करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और दोहराया कि दोनों पक्षों के बीच प्रत्यक्ष और सार्थक वार्ता के माध्यम से ‘दो-राष्ट्र समाधान’ से ही स्थायी शांति प्राप्त होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत आज के मतदान से दूर रहा। हमलोग बातचीत और लोकतंत्र के दृढ़ समर्थक रहे हैं। हमारा मानना है कि संघर्ष के समाधान का कोई और रास्ता नहीं है।’’

हरीश ने जोर दिया कि युद्ध में कोई विजयी नहीं होता। उन्होंने कहा कि संघर्ष में सिर्फ लोगों की जान जाती है और तबाही होती है।

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्षों को करीब लाने की दिशा में संयुक्त प्रयास होना चाहिए, न कि उन्हें और दूर करने की दिशा में। हमें सेतु बनाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए, न कि विभाजन को और बढ़ाना चाहिए।’’

भारत ने महासभा से शांति के लिए ‘‘वास्तविक प्रयास’’ करने का आग्रह किया।

हरीश ने संघर्ष के समाधान और मानवीय पीड़ा को समाप्त करके शांति की बहाली के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इसी भावना से प्रेरित होते रहेंगे। हम स्थायी शांति प्राप्त करने की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए तैयार हैं।’’

 

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TAGS: UN General Assembly, united nation, Israel Hamas conflict, Israel on Lebanon, Middle east
OUTLOOK 19 September, 2024
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