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30 November 2015

भ्रष्टाचार मामले में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री जिया को जमानत

वर्ष 2007 के इस मामले में सुनवाई से बचने के लिए जिया ने सभी कानूनी विकल्पों को खंगालने के बाद आज समर्पण कर दिया। अभियोजक मुशर्रफ हुसैन काजोल ने बताया, ‘न्यायाधीश (मोहम्मद अमीनुल इस्लाम) ने उनके समर्पण के बाद उन्हें जमानत दे दी लेकिन उन्हें 28 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा जिस दिन अभियोग पर सुनवाई होगी।’

उन्होंने बताया कि 70 वर्षीय जिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामले को रद्द करने का आग्रह किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद जिया आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर हुईं। यह मामला जिया के कार्यकाल 2001-2006 के दौरान एक बड़े गैस क्षेत्र का ठेका कनाडा की निको रिसोर्सेज कंपनी को देने के संबंध में है। इस ठेके के एवज में जिया पर दलाली लेने का आरोप है, जिससे सरकारी खजाने को 1.78 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुराने ढाका में अदालत परिसर के आसपास पुलिस और रैपिड एक्शन बटालियन की चाक चौबंद सुरक्षा के बीच जिया आईं। उनके साथ बीएनपी समर्थक वकील भी थे जो उनका बचाव कर रहे थे। हाई कोर्ट ने नौ जुलाई 2008 में मामले की सुनवाई पर रोक लगाते हुए एक व्यवस्था दी थी। इससे पहले जिया ने एक याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट की व्यवस्था को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था। जिया के अनुसार, उनके खिलाफ चल रहे सभी मामले राजनीति से प्रेरित हैं। वह 1991 से 1996 तक और 2001 से 2006 तक दो बार देश की प्रधानमंत्री रहीं।

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TAGS: बांग्लादेश, बेगम खालिदा जिया, समर्पण, भ्रष्टाचार, Niko Resourses Company, Canada, Supreme Court
OUTLOOK 30 November, 2015
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