दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर चीन और फिलीपीन के बीच पर्दे के पीछे हुई बातचीत
चीनी सरकार के शीर्ष नेताओं के साथ रामोस का रिश्ता है और इसके चलते फिलीपीन के राष्ट्रपति रोद्रिगो दुर्ते ने उन्हें विशेष दूत बनाया है। उन्होंने पिछले कुछ दिनों के अंदर चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष फू यिंग और नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एससीएस स्टडीज के अध्यक्ष वू शिकुन के साथ मुलाकात की है। हांगकांग की पांच दिन की यात्रा के समापन पर 88 वर्षीय रामोस ने कहा कि चीन के पूर्व विदेश उपमंत्री फू और दक्षिण चीन सागर विवाद के विशेषज्ञ वू के साथ उनकी मुलाकात निजी हैसियत में हुई है लेकिन साथ ही कहा कि फिलीपीन चीन के साथ अतिरिक्त तनाव से बचने और कुछ क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग की इजाजत देने के लिए उसके साथ औपचारिक वार्ता करना चाहता है।
हांगकांग की मीडिया की रिपोर्टों में बताया गया है कि उन्होंने कहा कि सीमा विवाद के समाधान के लिए चर्चा की जाएगी, लेकिन हम अभी नहीं जानते कि कहां होगी। हमें आधिकारिक स्तर पर नवीनतम घटनाक्रम का पता लगाने के लिए वापस फिलीपीन जाना होगा। बातचीत पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कल रात कहा कि हमने रेखांकित किया कि फू यिंग और वू शिसुन ने हांगकांग में अपने पुराने मित्र रामोस से मुलाकात की। हम उम्मीद करते हैं कि यह अपनी वार्ता फिर से शुरू करने और रिश्ते सुधारने में चीन और फिलीपीन को मदद करेगी।