चीन-भारत पर्यटन को बढ़ावा देने पर भी समझौता संभव
इसके अलावा प्रधानमंत्री चीनी पर्यटकों के लिए ई-वीजा सुविधा की भी घोषणा कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि बुधवार को कैबिनेट की बैठक में चीन के साथ पर्यटन रिश्ते कायम करने का एजेंडा भी था। इस मसले पर फैसला लेने का विशेषाधिकार प्रधानमंत्री को होगा। सरकारी आंकड़े के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय पर्यटन पर खर्च करने के मामले में चीन सर्वाधिक 165 अरब डॉलर खर्च करता है। लेकिन जब भारत में विदेशी पर्यटकों द्वारा खर्च की जाने वाली राशि में चीनी पर्यटकों की भागीदारी की बात की जाए तो यह सिर्फ 2.5 प्रतिशत (2014) ही बैठता है और चीनी पर्यटकों द्वारा पूरी दुनिया में खर्च की जाने वाली राशि का यह महज 0.18 प्रतिशत हिस्सा ही होता है।
नागरिक विमानन मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि मोदी चीन के लिए कुछ और उड़ान सेवा की भी घोषणा कर सकते हैं। फिलहाल सिर्फ एअर इंडिया ही शंघाई तक उड़ान भरती है। स्पाइसजेट ने अपनी सेवा गुआंगझो तक ही सीमित कर ली है जबकि जेट एअरवेज ने कुछ हफ्ते पहले ही अपनी सेवा बंद कर दी थी।