Advertisement
07 April 2022

पाकिस्तान: न्यायमूर्ति बंदियाल ने कहा, नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष का फैसला प्रथमदृष्टया अनुच्छेद-95 का उल्लंघन

डान

पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने गुरुवार को रेखांकित किया कि नेशनल असेंबली (एनए) के उपाध्यक्ष कासिम सूरी का तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने का विवादित फैसला प्रथमदृष्टया संविधान के अनुच्छेद-95 का उल्लंघन है। उन्होंने यह टिप्पणी इस चर्चित मामले की सुनवाई के चौथे दिन की।

प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति एजाज़-उल अहसन, न्यायमूर्ति मज़हर आलम खान मियांखाइल, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति जमाल खान मंदोखाइल शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि अदालत पर मामले की सुनवाई यथाशीघ्र पूरी करने के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है।

Advertisement

चौथे दिन की सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश बंदियाल ने रेखांकित किया कि प्रथम दृष्टया उपाध्यक्ष का द्वारा सदन में दी गई व्यवस्था संविधान के अनुच्छेद 95 का उल्लंघन हैं।

इससे पहले राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का पक्ष रख रहे बैरिस्टर अली जफर ने अपनी दलीलें पेश कीं।

खबर के मुताबिक, बंदियाल ने ज़फर से पूछा कि अगर सबकुछ संविधान के मुताबिक चल रहा है तो मुल्क में संवैधानिक संकट कहां है?

एक बार तो, बंदियाल ने वकील से पूछा कि वह यह क्यों नहीं बता रहे हैं कि देश में संवैधानिक संकट है या नहीं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “अगर सब कुछ संविधान के मुताबिक हो रहा है तो संकट कहां है?”

सुनवाई के दौरान मियांखाइल ने जफर से पूछा कि क्या प्रधानमंत्री जन प्रतिनिधि हैं ? तो वकील ने “हां” में जवाब दिया। मियांखाइल ने तब पूछा कि क्या संसद में संविधान का उल्लंघन होने पर प्रधानमंत्री को बचाया जाएगा?

इस पर ज़फर ने जवाब दिया कि संविधान की रक्षा उसमें बताए गए नियमों के मुताबिक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए हर अनुच्छेद को ध्यान में रखना होगा।

बंदियाल ने फिर पूछा कि तब क्या होगा जब सिर्फ एक सदस्य के साथ नहीं, बल्कि पूरी असेंबली के साथ अन्याय हो।

न्यायमूर्ति मंदोखाइल ने रेखांकित किया भले तीन अप्रैल को उपाध्यक्ष सूरी ने प्रधानमंत्री खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने की व्यवस्था दी लेकिन उसपर हस्ताक्षर अध्यक्ष असर कैसर के हैं।

‘डान’ अखबार के मुताबिक, उन्होंने यह टिप्पणी सूरी और कैसर के वकील नईम बुखाई द्वारा मामले में उपाध्यक्ष के फैसले की वैधता को लेकर दिए गए तर्क के दौरान की।

नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम खान सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को गिराने की तथाकथित विदेशी साजिश से जुड़े होने का हवाला देते हुए रविवार को उसे खारिज कर दिया था। कुछ मिनट बाद, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था।

बुधवार को सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने वकीलों को बार-बार याद दिलाया कि पीठ जल्द आदेश जारी करे इसके लिए वे जल्द से जल्द अपनी दलीलें पूरी करें।

अदालती निर्णय न केवल अविश्वास प्रस्ताव के भाग्य का फैसला करेगा बल्कि नेशनल असेंबली को भंग किये जाने और आगामी चुनावों का भी फैसला करेगा।

विशेषज्ञों ने कहा कि फैसला अगर खान के अनुकूल होता है तो 90 दिनों के भीतर चुनाव होंगे, और अगर अदालत उपाध्यक्ष के खिलाफ फैसला सुनाती है तो संसद का सत्र फिर से बुलाया जाएगा और खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आएगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Deputy speaker, ruling prima facie violates, Article 95, Chief Justice Bandial
OUTLOOK 07 April, 2022
Advertisement