गुप्त मिशन पर दो बार पाक आए थे दिलीप साहबः कसूरी
उन्होंने कहा, ‘दिलीप साहब ने हिंदू और मुस्लिम को एकजुट करने के लिए दो बार गुप्त रूप से पाकिस्तान का दौरा किया था। मैंने अपनी पुस्तक (नाइदर एक हॉक नॉ ए डव) में उसका खुलासा किया है। भारत और पाकिस्तान को साथ जोड़कर रखने में वह कारगर हो सकते हैं। मैंने उन्हें अपनी पुस्तक दी और उन्होंने मुझे आत्मकथा पर हस्ताक्षर कर तोहफा दिया। मेरे लिए यह हस्ताक्षरयुक्त पुस्तक काफी अहम है। मैं कामना करता हूं कि दिलीप साहब दीर्घायु और स्वस्थ रहें।’
दिलीप कुमार को ‘शांतिदूत’ बताते हुए कसूरी ने अपने पुस्तक विमोचन मौके पर कहा, ‘उनकी पत्नी सायरा बानो ने मुझे बताया था कि दिलीप साहब गुप्त मिशन पर दो बार पाकिस्तान गए थे। वह भारत सरकार के विशेष विमान से इस्लामाबाद गए थे। मुझे याद है कि उनका एक दौरा जिया उल हक के शासनकाल में हुआ था। दूसरा दौरा हाल ही में हुआ था।’
इस रहस्योदघाटन से पहले कसूरी ने बताया कि सन 1999 में करगिल युद्ध के बाद भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से संपर्क कर इस बात पर दुख व्यक्त किया था कि लाहौर में एक तरफ तो उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान ने करगिल पर कब्जा करने में जरा भी देर नहीं लगाई।